इंद्रधनुष किताब को हर स्कूल तक पहुंचाना लक्ष्य
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रवक्ता डा. संजय गुरुरानी ने इंद्रधनुष पुस्तिका का प्रकाशन कर लिया है। यह पुस्तिका जिले के कक्षा पांच से 12वीं त ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रवक्ता डा. संजय गुरुरानी ने इंद्रधनुष पुस्तिका का प्रकाशन कर लिया है। यह पुस्तिका जिले के कक्षा पांच से 12वीं तक के विद्यार्थियों तक पहुंचाने का लक्ष्य है। अब तक 512 किताबें बच्चों तक पहुंच गई हैं। फिलहाल यह पुस्तकें निश्शुल्क प्रदान की जा रही हैं। जिसे यदि पाठ्यक्रम में लागू किया गया तो लाभ बच्चों और शिक्षकों को सीधे तौर पर मिल सकता है।
इंद्रधनुष पुस्तिका 209 पेज की है जिसकी उपयोगिता पूरे उत्तराखंड के विद्यालयों के लिए बताई जा रही है। किताब में भारत वर्ष के त्योहार और उनके मनाने विधि, उनसे जुड़ी मान्यताएं और इतिहास भी शामिल हैं। वहीं उत्तराखंड के विशेष पर्वों की जानकारी भी है। डायट के प्रवक्ता डा. गुरुरानी ने कहा कि इंद्रधनुष इन दिनों चर्चा में है। पुस्तक में भारतीय सांस्कृतिक विविधता एवं वर्षभर मनाए जाने वाले कार्यक्रम, दिवस, बच्चों में सामान्य ज्ञान, लोकतांत्रिक मूल्यों के विकास के लिए यह पुस्तक उपयोगी है। पुस्तक के प्रारंभ में हिन्दू, हिजरी एवं ग्रेगोरियन पंचांग की तिथियों के परिवर्तित होने के कारणों को उदाहरण सहित स्पष्ट किया गया है। इस पुस्तक की विषय सामग्री को दो भागों में विभाजित किया गया है। प्रथम भाग में हिंदू एवं हिजरी पंचांग के अनुसार मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण दिवसों को मनाए जाने के कारण एवं महत्व के विषय में बताया गया है। इसमें सभी धर्मों के उत्सव एवं पर्वो को स्थान दिया गया है। तिथियों के अनुसार मनाए जाने वाले महापुरुषों के जीवन परिचय तथा विशेषकर उत्तराखंड में मनाए जाने वाले त्योहारों घ्यु त्यार, नन्दाष्टमी, घुघ्त्या, फुलदेई, भिटौली आदि के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई है। इसके द्वितीय भाग में ग्रेगोरियन कलेंडर के अनुसार मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दिवसों का विस्तृत वर्णन दिया गया है। डा. गुरुरानी की किताब की सराहना की जा रही है। यह पुस्तक न केवल विद्यार्थियों, शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए भी यह अत्यन्त उपयोगी है। वहीं डा. गुरुरानी इंद्रधनुष के प्रकाश से पहले कविता संग्रह तलाश, ²ष्टि के अलावा संपादन, शोध पत्रों का संकलन, मंथन का प्रकाशन कर चुके हैं। इंदुधनुष किताब को प्रत्येक विद्यालय तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। पुस्तक में समूचा उत्तराखंड ही नहीं वरन भारतवर्ष भी समाया हुआ है। प्रतियोगिताओं की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए यह पुस्तक मील का पत्थर साबित होगी।
- पदमेंद्र सकलानी, जिला शिक्षाधिकारी

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