Updated: Sun, 13 Oct 2024 12:07 PM (IST)
उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के भराड़ी बाजार में दैनिक जागरण के अभियान के बाद प्रशासन हरकत में आया है। शनिवार को उप जिलाधिकारी अनुराग आर्य की टीम ने दुक ...और पढ़ें
जागरण संवाददाता, कपकोट। भराड़ी बाजार नेशनल हाईवे पर बसा हुआ है। दोनों तरफ दुकानें हैं। जिसके कारण जाम की स्थिति बनती है। दैनिक जागरण ने बाजार को सुव्यवस्थित बनाने के लिए अभियान चलाया। शुक्रवार को भराड़ी बाजार में अतिक्रमण से पर्यटन परेशान शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया। शनिवार को समाचार का असर हुआ।
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उपजिलाधिकारी के नेतृत्व में नगर पंचायत, राजस्व तथा पुलिस की टीम बाजार में उतरी। अतिक्रमणकारियों के एक दर्जन से अधिक चालान काटे। फड़ आदि हटाए। 52 लोगों को नोटिस जारी किए। भराड़ी बाजार 1952 में बसी। यहां दुकान तथा घर बनने के बाद सड़क लगतार संकरी होने लगी।
बाहर से आने वाले फड़ तथा फेरीवाले भी सड़क पर चारपाई बिछाकर व्यापार करने लगे। दैनिक जागरण के अभियान के बाद तहसील प्रशासन हरकत में आया।
शनिवार को उप जिलाधिकारी अनुराग आर्य की टीम ने दुकानों के आगे सड़क तक लगे सामान को हटाया। सड़क किनारे खड़े वाहनों का चालान किया। नालों पर हुए अतिक्रमण का चिह्नित करने के निर्देश दिए। यहां नौ कलमठ होने की पुष्टि है, लेकिन वर्तमान में दो ही कलमठ बचे हैं। जांच के बाद कलमठों को खोला जाएगा।
एसडीएम ने कहा कि 42 पीपी एक्ट में 52 लोगों को नोटिस भेजे गए हैं। इस दौरान नायब तहसीलदार नीतिक्षा आर्य, एसआइ विवेक भट्ट, एसआइ मंजू पवार, पटवारी सदर हरेंद्र भारती के अलावा नगर पंचायत तथा पुलिस के जवान उपस्थित रहे।
व्यापारी तथा प्रशासन के बीच समझौता
भराड़ी बाजार में व्यापारी तथा प्रशासन के बीच समझौता हुआ। जिसमें सड़क किनारे खड़े वाहनों को लेकर प्रशासन ने कड़ा रूख अपनाया है। उपजिलाधिकारी ने कहा कि अब बाजार में वाहनों के खड़े करने का दिन फिक्स किया जा रहा है।
सोमवार से लेकर रविवार तक वाहनों को पार्क करने के लिए दाएं-बाएं सिस्टम लागू होगा। एक दिन बाएं तथा दूसरे दिन दाएं तरफ वाहनों को पार्क किया जा सकेगा। जिससे जाम की स्थिति से निजात मिलेगी। यह व्यवस्था आगामी सोमवार से प्रारंभ कर दी जाएगी। व्यवस्था का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
क्या कहते हैं लोग भराड़ी बाजार में व्यापारियों तथा स्थानीय निवासियों की पैतृक संपत्ति है। नेशनल हाईवे अब बना है। पहले सड़क लोगों ने सुविधा के अनुसार श्रमदान कर काटी थी। प्रशासन को बीच का रास्ता अपनाना चाहिए। व्यापारी भी नुकसान से बचें तथा लोग बेघर नहीं हों। स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी इसमें पहल करनी है। -उमेश जोशी, स्थानीय निवासी।
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नगर पंचायत कपकोट को सुव्यवस्थित करने के प्रयास सार्थक होने चाहिए। व्यापारी तथा स्थानीय लोगों को बेघर करने की नियत से कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। जिसका वह प्रबल विरोध करेंगे। व्यापारियों को दुकान तथा मकान पैतृक रूप में मिले हैं। यदि उन्हें नुकसान होता है तो वह पलायन करेंगे। यह कतई स्वीकार नहीं है। - हरीश ऐठानी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष।
व्यापारियों के साथ अन्याय कतई सहन नहीं होगा। तहसील प्रशासन व्यापारियों को परेशान कर रहा है। उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं। उनकी तारीख पर तारीख लग रही है। सुनने वाले गायब हो जाते हैं। जिसमें व्यापारियों का समय तथा धन बर्बाद हो रहा है। -भूपाल सिंह गढ़िया, स्थानीय युवा।
विधायक के नेतृत्व में कपकोट नगर पंचायत का सुव्यवस्थित विकास हो रहा है। विकास के दौरान कुछ दिक्कतें होती हैं। जिसे स्थानीय लोगों के साथ बैठकर सुलझा लिया जाएगा। प्रशासन अपनी कार्रवाई कर रहा है। व्यापारियों के हितों के साथ कुठाराघात नहीं होने देंगे। - दयाल ऐठानी, स्थानीय जनप्रतिनिधि।
नगर पंचायत कपकोट के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। प्रशासक कार्यकाल में व्यापारी वर्ग को परेशान किया जा रहा है। यह जनता के हित में नहीं है। सरकार व्यापारियों का अहित करती है तो एकजुट होकर जंग का एलान किया जाएगा। - गोविंद बिष्ट, निवर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष।
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