Uttarakhand News: बागेश्वर में शारदीय नवरात्र के पहले दिन देव मंदिरों में उमड़ी श्रद्धा
बागेश्वर में शारदीय नवरात्र के पहले दिन मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने सरयू-गोमती संगम पर स्नान किया और देवी हरेला बोया। चंडिका कालिका और कोट भ्रामरी मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की गई। पंडितों के अनुसार इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों से आए भक्तों ने ढोल-नगाड़ों के साथ शोभा यात्रा निकाली।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर। शारदीय नवरात्र के पहले दिन शैलपूत्री को पूजा-अर्चना को देव मंदिरों में श्रद्धा का तांता लगा। चंडिका, कोट भ्रामरी, कालिका मंदिर कांडा समेत जिले के सभी हिस्सों में स्थित देवी मंदिरों में सुबह से ही पूजा अर्चना शुरू हो गई है।
श्रद्धालुओं ने श्रद्धा पूर्वक सरयू-गोमती संगम पर स्नान किया। गंगाजल लेकर अपने घर लौटे और देवी हरेला बोया। नगर स्थित चंडिका, उल्का, कठायतबाड़ा भगवती मंदिर में सुबह से ही लोग दर्शन को पहुंचे। बागनाथ मंदिर में भक्तों ने जल अर्पित किया।
कांडा के कालिका मंदिर, भद्रकाली मंदिर, कपकोट के बदियाकोट और गरुड़ के कोट भ्रामरी मंदिर तथा पालड़ीछीना में मैच्यूला मैया मंदिर में भी लोगों ने पूजा की। पंडित मोहन चंद्र लोहनी ने बताया कि नवरात्रों में नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, शारदीय नवरात्रि अश्विन के चंद्र महीने में मनाई जाती है। शरद ऋतु के दौरान मनाई जाने वाली शारदीय नवरात्रि सबसे प्रतीक्षित नवरात्रि में से एक है। अगले नौ दिनों में, भक्त देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं।
देवी हरेला दशमी के दिन कटेगा
घरों में हरेला भी बोया कहा गया और वह विजय दशमी के दिन काटा जाएगा। शारदीय नवरात्र की शुरुआत आज से हो गई है। नवरात्रि का आज पहला दिन है। नवरात्रों में नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, शारदीय नवरात्रि अश्विन के चंद्र महीने में मनाई जाती है। शरद ऋतु के दौरान मनाई जाने वाली शारदीय नवरात्रि सबसे प्रतीक्षित नवरात्रि में से एक है। यह त्योहार पूरे देश में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। अगले नौ दिनों में, भक्त देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं।
नवरात्र पर देव डांगरों को कराया स्नान
नवरात्र पर ग्रामीण क्षेत्रों से आए भक्ताओं ने ढोल-नगाड़ों की थाप भव्य शोभा यात्रा निकाली। देव डागरों ने सरयू-गोमती और विलुप्त सरस्वती के संगम पर स्नान किया। गंगाजल लेने के लिए लोग सुबह से ही पहुंचने लगे थे। गंगा में स्नान के बाद लोग मंदिरों और घरों के लिए गंगा जल ले गए।
उधर, अमतौड़ा गांव में स्थिति गोलू देवता मंदिर से महिलाओं ने भव्य कलश यात्रा निकाली। बागनाथ मंदिर की परिक्रमा की। देव डांगरों को स्नान कराया। इस अवसर पर महीप पांडे, दरपान सिंह, नरेंद्र सिंह, पवन सिंह, हयात सिंह, बलवंत सिंह, बसंती, किरन, खिमुली, प्रेमा, पुष्पा, बबीता आदि उपस्थित थे।
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