सखियां ले आईं गुलाल लाल, होरी खेल रहे नंदलाल
बागेश्वर में महिलाओं ने बागनाथ मंदिर परिसर पर होली का आयोजन किया। ...और पढ़ें

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जासं, बागेश्वर: महिलाओं ने बागनाथ मंदिर परिसर पर होली का आयोजन किया। होली का रंग पड़ने के बाद होल्यार भी रंगों में बच्चे, बूढ़े, महिला और युवा रंगने लगे हैं। हर कोई अबीर गुलाल उड़ा रहा है। सखियां ले आईं गुलाल लाल, होरी खेल रहे हैं नंदलाल आदि गीतों से समा बांधा।
कुमाऊं होली का अपना विशेष स्थान हैं। होली रंग पड़ने के साथ ही होली का खुमार भी चढ़ने लगा है। ढोल की थाप पर होल्यारों ने जमकर गीत गाए। महाराजा हरीश चंद्र भये दानी, हमें उतारो पार मला, हम से उतराई ले लियो आदि गायन किया। पुष्पा पंत के नेतृत्व में होली गायन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर गीता रावल, माया गढि़या, किरण पांडे , अनुपमा कांडपाल, ममता रावल, मुन्नी सोनी, मैना साह, कविता कार्की, रीना वर्मा, पुष्पा बिष्ट, लता तिवारी आदि मौजूद थे। उधर, कपकोट में कस्तूरबा गांधी विद्यालय में छात्र-छात्राओं ने भी होली गायन किया।
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चीर बंधन के साथ ही गांवों में हुआ खड़ी होली का आगाज
संसू, गरुड़: चीर बंधन के साथ ही कत्यूर घाटी के गांवों में खड़ी होली का रंगारंग आगाज हो गया है। होल्यारों ने अपने-अपने गांव के अखाड़ों में रंग डाला और अबीर गुलाल लगाकर एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं दी। कत्यूर घाटी के भेटा गांव में डांगर नंदा बल्लभ लोहुमी, पाये में प्रकाश नेगी, मटेना में गिरीश चंद्र खोलिया, जिनखोला में बहादुर सिंह बोरा, सिल्ली में जीवन चंद्र दुबे, गड़सेर में गोपाल दत्त पाठक, धैना में ख्याली दत्त तिवारी के नेतृत्व में होल्यारों ने रंग डालकर खड़ी होली गायन किया। होल्यारों ने सिद्धि के दाता विघ्न विनाशन, होली खेले गिरजापति नंदन, कैले बांधी चीर हो रघुनंदन राजा आदि होलियां गाई। इस दौरान दर्जनों होल्यार मौजूद थे।

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