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    Uttarakhand में बारिश का कहर, पिंडर की सहायक नदी में बनी झील; इन दो जिलों पर मंडराया खतरा

    By Jagran NewsEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Sat, 01 Jul 2023 12:53 PM (IST)

    Rain in Uttarakhand हिमालयी क्षेत्र में वर्षा का दौर जारी है। वहीं कुवारी गांव में लगातार हो रहे भूस्खलन से शंभू नदी में झील बनने का सिलसिला तेज हो गया है। जिससे बागेश्वर जिले से अधिक नुकसान चमोली जिले के गांवों को हो सकता है। शंभू नदी पर झील बनने की सूचना पर जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है।

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    Rain in Uttarakhand: शंभू नदी पर झील बनने की सूचना पर जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है।

    टीम जागरण, बागेश्वर: Rain in Uttarakhand: हिमालयी क्षेत्र में वर्षा का दौर जारी है। कपकोट तहसील में पिंडर नदी की सहायक शंभू नदी पर झील बन गई थी। जिसे लगभग 10 घंटे बाद लोडर मशीन के जरिए सिंचाई विभाग ने खोल दिया है। नदी का बहाव सामान्य बताया जा रहा है। कुंवारी गांव से हो रहे भूस्खलन पर सिंचाई विभाग वर्षाकाल में नजर रखेगा।

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    ब‍ीते वर्ष भी बनी थी झील

    जिले में 2013 से कुंवारी गांव में भूस्खलन हो रहा है। बताया जा रहा है कि मलबा सीधे शंभू नदी पर गिर रहा है। जिससे वहां बीते वर्ष की भांति झील बन गई है। कपकोट स्थित शंभू बुग्याल से निकलकर कुंवारी गांव से शंभू नदी चमोली की तरफ जाती है। 2013 में आई आपदा और लगातार भूस्खलन से नदी पर वी आकार की झील बन गई थी। तब झील की लंबाई 500 मीटर से अधिक बताई गई।

    नदी पर हो रहा मलबा जमा

    नदी के किनारे धीरे-धीरे पहाड़ से मलबा गिरने और जमा होने के बाद झील फिर आकार लेने लगी है। कुंवारी की ग्राम प्रधान धर्मा देवी के अनुसार फिलहाल इस झील से कोई नुकसान नहीं है। लेकिन याद रखना चाहिए कि आपदा के लिहाज से उत्तराखंड के पहाड़ बेहद संवेदनशील हैं। केदारनाथ की तबाही का मंजर भुलाया नहीं जा सकता तो चमोली की आपदा के निशान भी अब तक हरे हैं।

    इन क्षेत्रों पर था खतरा

    शंभू नदी बागेश्वर से निकलकर चमोली जिले में पिंडर नदी से मिलती है। जहां झील बनी थी, वहां से एक किमी आगे चमोली जिला प्रारंभ हो जाता है। अगर यह झील टूटती तो चमोली के अरमल, थराली, नारायणबगड़ क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हो सकते थे।

    बागेश्‍वर में भारी वर्षा के आसार

    मौसम विभाग के अनुसार आज देहरादून टिहरी व पौड़ी में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ तीव्र बौछारें पड़ सकती हैं। वहीं, कुमाऊं के नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में भारी वर्षा के आसार हैं। इसे लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।

    शेर और सूर्या नाला उफनाया, एक घंटे आवाजाही ठप रही

    वहीं शुक्रवार को हल्द्वानी-चोरगलिया मुख्य मार्ग में पड़ने वाले शेर और सूर्या नाला पहाड़ों पर हुई भारी बरसात से उफान पर आ गया। इससे कुछ लोग शेर नाला के किनारे तो कुछ सूर्या नाले के किनारे पर पानी कम होने का इंतजार करते रहे। लगभग एक घंटे तक हल्द्वानी चोरगलिया मार्ग बंद रहा। जिससे नाले के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। चोरगलिया थाना प्रभारी ने पुलिस भेजकर उफनती नाले के पास किसी को जाने नहीं दिया।

    धौन के पास मलबा आने से बंद हुआ राष्ट्रीय राजमार्ग

    शुक्रवार की शाम हुई तेज वर्षा से टनकपुर-चंपावत हाईवे पर धौन के पास किलोमीटर 109 में मलबा आने से राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया। इससे सड़क के दोनों और दर्जनों वाहनों में सैकड़ों यात्री फंस गए। एनएच द्वारा मलबा हटाने के लिए लोडर मशीन भेज दी गई, लेकिन लगातार हो रही वर्षा और पहाड़ी से गिर रहे मलबे के कारण सड़क खोलने में दिक्कत का सामना करना पड़ा।

    आपदा परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार शाम 6:40 बजे करीब धौन के पास मलबा आ गया। देर शाम तक सड़क खोलने का काम जारी था। तहसीलदार ज्योति धपवाल ने बताया कि समय रहते रोड नहीं खुलती तो फिर रास्ते में फंसे यात्रियों की सुविधा का प्रबंध किया जाएगा। इधर शाम को चंपावत, लोहाघाट, पाटी एवं बाराकोट में भी झमाझम वर्षा हुई।