बागेश्वर में पिंजरे में कैद हुई आतंक मचाने वाली मादा गुलदार, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस
बागेश्वर के पतौंजा गांव में आतंक मचाने वाली पांच वर्षीय मादा गुलदार पिंजरे में कैद हो गई है। यह उसी जगह पकड़ी गई जहां उसने एक महिला पर हमला किया था। वन विभाग गुलदार को रेस्क्यू सेंटर भेजने की तैयारी कर रहा है। ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है क्योंकि गुलदार पिछले एक साल से दहशत का कारण बनी हुई थी और मवेशियों को भी मार रही थी।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर। कांडा तहसील के पतौंजा गांव में आतंक का पर्याय बना गुलदार पिंजरे में कैद हो गया है। पांच वर्ष की मादा गुलदार उसी स्थान पर कैद हुई, जहां वह एक महिला पर झपटी थी। पकड़े जाने पर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। वन विभाग उसे रेस्क्यू सेंटर भेजने की तैयारी में जुटा है। जिसके लिए उच्चाधिकारियों से संपर्क किया जा रहा है।
पतौंजा गांव में लगभग एक वर्ष से गुलदार का आतंक बना हुआ था। बीते दिनों गांव की एक महिला पर भी गुलदार ने झटपने की नाकाम कोशिश की थी। महिला गंभीर रूप से घायल हुई। उसका उपचार सीएचसी कांडा तथा जिला अस्पताल में चला। तब से दहशत बढ़ गई थी। इसके अलावा बीते वर्ष माणा कभड़ा क्षेत्र में एक मासूम को भी गुलदार ने निवाला बना दिया था।
वहां वन विभाग की टीम ने एक महीने तक गुलदार को पिंजड़े में कैद करने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो सकी। गुलदार अन्य आसपास के गांवों में भी दिखने लगा। पतौंजा में महिला पर झटपने तथा लगातार मवेशियों को मारने के बाद वन विभाग की टीम सक्रिय हो गई। ट्रैप कैमरे लगाए गए। जिसमें गुलदार लगातार कैद हो रहा था।
बीते 13 सितंबर को वन विभाग ने पिंजड़ा लगाया। गुरुवार की देर शाम गुलदार पिंजड़े में कैद हो गया। रेंजर दीप चंद्र जोशी ने बताया कि कांडा लीसा डिपो में गुलदार को रखा गया है। पशु चिकित्सकों ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया है। वह लगभग पांच वर्ष की मादा है। उसे रेस्क्यू सेटर भेजने की प्रक्रिया गतिमान है। लोगों को गुलदार के आतंक से निजात मिलेगी।
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