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    पत्‍नी के साथ जबरन बनाए थे संबंध, अब अदालत ने सुनाई आइटीबीपी के सिपाही को दो वर्ष की सजा

    By Jagran NewsEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Sat, 10 Dec 2022 12:02 PM (IST)

    Bageshwar News मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजु नाथ मुंडे की अदालत ने आइटीबीपी के सिपाही को दो वर्ष की साधारण सजा और 11 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अभियुक्त अधिरोपित जुर्माने की धनराशि से पीड़िता को पांच हजार रुपये प्रतिकर अदा करेगा।

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    Bageshwar News : अदालत ने सुनाई आइटीबीपी के सिपाही को दो वर्ष की सजा

    जागरण संवाददाता, बागेश्वर : Bageshwar News : मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजु नाथ मुंडे की अदालत ने आइटीबीपी के सिपाही को दो वर्ष की साधारण सजा और 11 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। जबकि दो धाराओं में उसे दोषमुक्त करने का आदेश पारित किया है।

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    12 अगस्त 2019 को घटनाक्रम के अनुसार अभियुक्त की पत्नी ने कहा कि उसका पति उसे मायके से ले गया। फैमली क्वाटर लेने की बात कही और उसे चकौड़ी ले गया। वहां इच्छा विरुद्ध अवैध संबंध बनाए। उसके बाद पिथौरागढ़ ले गया। जहां वह उसे एक वकील के पास गया और तलाक देने के लिए दबाव बनाया।

    तलाक देने के लिए दबाव बनाया

    महिला से तलाक पेपर में हस्ताक्षर करने को कहा और मना करने पर जान से मारने की धमकी दी। जिसके बाद कांडा थाने में धारा 498 ए, 323, 504, 506 में अपराध पंजीकृत किया गया। एसआइ प्रहलाद सिंह ने मामले की विवेचना की।

    जिसके बाद 14 अगस्त 2022 को अभियुक्त के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल हुआ। अधिवक्ता मोहन राम आर्या ने मामले की पैरवी की। मामले में न्यायालय में आठ गवाह पेश किए गए।

    दो वर्ष की साधारण सजा और 10 हजार रुपये का अर्थदंड

    अदालत ने अभियुक्त हृदेश टम्टा पुत्र गोविंद राम टम्टा निवासी पिथौरागढ़ हाल सिपाही आइटीबीपी को धारा 504 और 506 में दोषमुक्त किया। हृदेश टम्टा को 498 ए, 323 में दोष सिद्ध किया। धारा 498 में हृदेश टम्टा को दो वर्ष की साधारण सजा और 10 हजार रुपये का अर्थदंड से दंडित किया।

    अदालत ने धारा 323 में छह माह की साधारण सजा और 1000 रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड नहीं देने पर एक माह का अतिरिक्त साधारण कारावास होगी।

    पीड़िता को मिलेंगे पांच हजार रुपये

    न्यायालय ने आदेश में कहा कि अभियुक्त पर अधिरोपित जुर्माने की धनराशि से पीड़िता को पांच हजार रुपये प्रतिकर अदा करेगा। जेल में व्यतीत अवधि सजा में समायोजित होगी। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।