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    Uttarakhand: तेज बारिश के बाद नदी में बढ़ा पानी तो जलते शव छोड़कर भागे लोग

    Updated: Sun, 15 Jun 2025 04:29 PM (IST)

    बागेश्वर जिले के कपकोट में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कपकोट-कर्मी और कपकोट-पिंडारी मोटर मार्ग बंद हो गए हैं जिससे लोगों की आवाजाही प् ...और पढ़ें

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    सरयू नदी में बढ़ा पानी जले शव छोड़कर भागे लोग। जागरण

    जासं, बागेश्वर । कपकोट में 53 मिमी वर्षा रिकार्ड हुई है। जिससे जन जीवन प्रभावित होने लगा है। कपकोट-कर्मी मोटर मार्ग किमी छह में गांसू के पास बोल्डर तथा मलबा आने से बंद हो गया है। कपकोट-पिंडारी मोटर मार्ग हरसिला के समीप बंद रहा। जबकि बागेश्वर नगर में मंडलसेरा में लोगों के घरों में पानी भर गया है। मलबा रास्तों में बिछने से लोगों की आवाजाही भी प्रभावित हो गई है। इसके अलावा बिजली, पानी तथा संचार सेवाएं भी पटरी से उतरने लगीं हैं।

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    रविवार को सुबह तीन बजे आकाशीय बिजली कड़की। जिससे लोगों के घर हिल गए। लोग तब नींद थे। वह एकाएक जागे तथा भयभीत हो उठे। झमाझम वर्षा होने लगी। लगभग छह बजे तक वर्षा हुई। उसके बाद बाछल तथा हल्का कोहरा छा गया।

    बागेश्वर में तीन घंटे के भीतर 16 मिमी तथा गरुड़ में सिर्फ दो मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। सबसे अधिक वर्षा 53.20 मिमी कपकोट में हुई। जिसके कारण सड़कों पर मलबा भर गया। सरयू नदी का जलस्तर बढ़ गया। रविवार को सरयू 865.50, गोमती 862.10 तथा बैजनाथ झील 1112.20 मिमी पर बनी हुई है। हिमालयी गांवों में हुई वर्षा के बाद बिजली, पानी तथा संचार सेवाएं प्रभावित हो गईं हैं।

    भूस्खलन के बाद फंसे वाहनों को निकाला

    कपकोट मोटर मार्ग में हरसिला के समीप भूस्खलन होने से वह बंद हो गया। जिसे फायर के जवानों ने घंटों की मशक्कत के बाद आवागमन के लिए खोला। फायर स्टेशन प्रभारी दिनेश पाठक ने बीआरओ तथा जिला आपदा कंट्रोल रूम को सूचना दी। दो लोडर मशीन घटना स्थल पहुंची। वहां दोनों तरफ फंसे वाहनों को भी सुरक्षित निकाला। वाहन चालकों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। वहां फिर से भूस्खलन का भय बना हुआ है।

    सरयू नदी में बढ़ा पानी जले शव छोड़कर भागे लोग

    रविवार को सरयू नदी का जलस्तर बढ़ गया। संगम पर दो शव जल रहे थे। अंतिम संस्कार में आए लोग भी वहां बड़ी संख्या में खड़े थे। एकाएक नदी का जलस्तर बढ़ने लगा। शवों के बहने की संभावना तेज हो गई। अंतिम संस्कार में आए लोगों ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई। उन्होंने शवदाह केंद्र पर पानी कम होने का इंतजार किया। हालांकि पानी का वेग कम होने से शव बहने से बच गए।