उत्तराखंड मानसून ने मचाया हाहाकार, बागेश्वर में घरों में घुसा बारिश का पानी; गांवों में भूस्खलन से बर्बादी
बागेश्वर जिले में भारी बारिश के कारण तबाही मची है। 35 सड़कें बाधित हैं और कई घरों में मलबा घुस गया है। कपकोट में आपदा जैसे हालात हैं रेवती घाटी का संपर्क टूट गया है। खारबगड़ में भूस्खलन से गांव को खतरा है। पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। कठायतबाड़ा और मंडलसेरा के लोगों ने प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाया है।
जासं, बागेश्वर । जिले में मानसून झूम कर बरस रहे हैं। गांव से लेकर नगर तक के घरों में मलबा तथा पानी भर गया है। मलबा तथा बोल्डर गिरने से 35 सड़कें आवागमन के लिए प्रभावित हो गईं हैं। पानी, बिजली, संचार सेवाएं भी पटरी से उतरने लगीं हैं। लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं।
वर्षा किे कारण कठायतबाड़ा वार्ड में कंट्रीवाइड के समीप लोगों के घर तालाब में बदल गए हैं। घरों में रखा सामान आदि भीग कर खराब हो गया है। उन्होंने जिला प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाया है। नगर पालिका के मंडलसेरा वार्ड में लोगों के घरों में पानी घुस गया है। कई घरों में सामान आदि खराब हो गया है। मकानों को भी खतरा बना हुआ है। रास्ते, सड़क, गली लबालब पानी से भरे हुए हैं। लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं।
स्थानीय नागरिकों में आक्रोश है। उन्होंने जिला प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाया है। कहा कि वर्षा के पानी की निकासी की ठोस व्यवस्था नहीं हो सकी है। जनप्रतिनिधियों पर भी प्रहार किया है। कहा कि वह वोट मांगने आते हैं। बड़े-बड़े दावे करते हैं। लेकिन मंडलसेरा की जनता जलभराव का दंश झेल रही है।
जीतनगर, मंडलसेरा में शंभू जोशी के मकान को खतरा पैदा हो गया है। वर्षा के कारण भूकटाव की स्थिति बनी है। वर्षा का पानी उनके घर में घुस गया है। मकान की नींव तथा दीवारों तक पानी भर गया है। सिंचाई विभाग की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है। जिसके कारण खतरा बढ़ गया है।
कपकोट में आपदा ने मचाई तबाही
गैरखेत सिमार तोक में कमला देवी पत्नी नंदन सिंह के घर के पास बिजली के तार टूटकर गिर गए हैं। परिवार के लोगों को करंट लगने का भय बना हुआ है। वह घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। कपकोट में मूसलदार वर्षा के कारण रेवती घाटी में आपदा जैसी स्थिति पैदा हो गई है। घाटी का संपर्क तहसील तथा मुख्यालय से टूट गया है।
स्थानीय निवासी भवान सिंह कोरंगा ने बताया कि हरिसंग्याबगड़ सड़क जगह-जगह भूस्खलन की चपेट में है। कई ग्रामीणों के शौचालय, गोशाला तथा घर के आंगन ध्वस्त हो गए हैं। पैदल रास्ते ध्वस्त हो गए हैं। गधेरे उफान पर हैं। कपकोट के पोलिंग गैरखेत हरसीला मोटर मार्ग में जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है। जिसके कारण लोग भयभीत होने लगे हैं। भनार, माजखेत, महरगाड घाटी सड़क, संचार व्यवस्था ठप हो गई है।
जुबुरा लिणुरिया गधेरे में सड़क बह गई है। जगथाना तोक उडियार में हीरा सिंह, खीम सिंह, मंगल सिंह, भूपाल सिंह, गोपाल सिंह, शेर सिंह, मोहन सिंह, लाल सिंह के मकान के आंगन की दीवार ध्वस्त हो गई है। भूस्खलन के कारण सड़क बंद हो गई है। पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त है। जिससे गांव में पेयजल संकट भी पैदा हो गया है। उधर, उत्तरौड़ा निवासी चंद्रशेखर जोशी के मकान का आंगन ध्वस्त हो गया है।
पहाड़ी पर भूस्खलन होने से खारबगड़ को खतरा
कपकोट तहसील के ग्राम पंचायत बड़ेत के खारबगड़ में पहाड़ी दरक रही है। मलबा सरयू नदी तक पहुंच रहा है। जिसके कारण गांव को खतरा बना हुआ है। ग्राम पंचायत नरगाड़ा में भूस्खलन हो रहा है। तोक ओखलडोब में बिजली के पोल उखड़ गए हैं। गांव की बिजली आपूर्ति ठप हो गई है।
तिपती में 100 नाली भूमि भूस्खलन के कारण खीरगंगा नदी में समा गई है। खाइना तोक में पेयजल लाइन ध्वस्त हो गई है। विधायक सुरेश गढ़िया ने राजस्व पुलिस से नुकसान का आगणन तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
बागेश्वर में वर्षा का आकड़ा
बागेश्वर में 50, कपकोट 40 तथा गरुड़ में 10 मिमी वर्षा हुई है। सरयू नदी का जलस्तर 867.00 मीटर पर बना हुआ है। गोमती 863.30 मीटर पर है। जबकि बैजनाथ बैराज में 335.78 क्यूसेक पानी है।
पुलिस ने लोगों को किया सावधान
पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर घोड़के ने कहा कि मौसम विभाग से मौसम का अलर्ट जारी हो रहा है। नदी, नालों के किनारे रहने वालों को सावधान किया जा रहा है। जलस्तर बढ़ने से घटना हो सकती है। उन्होंने सभी थाना, चौकी प्रभारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। किसी भी आपदा से निपटने के लिए पुलिस व फायर रेस्क्यू टीम को त्वरित कार्रवाई, राहत बचाव करना है।
मकान की छत में गिरा तुन का पेड़, बालबाल बचा परिवार
अमसरकोट गांव में चंदन सिंह पुत्र हयात सिंह के घर की छत पर आम का पेड़ गिर गया है। उनका परिवार घटना में बालबाल बच गया है। फायर की टीम ने पेड़ मकान की छत से हटा दिया है। एफएसएसओ गोपाल सिंह रावत ने बताया कि घर सड़क से लगभग 300 मीटर दूरी पर था। जवानों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। पीड़ित जनहानि आदि नहीं है।
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