पहाड़ों पर सड़क न होने की मार, डोली में बीमार बुजुर्ग को लेकर नापी पांच किमी की दूरी
बागेश्वर जिले के सेलकुना गांव में सड़क न होने के कारण एक बीमार बुजुर्ग महिला को डोली में 5 किलोमीटर दूर अस्पताल पहुंचाया गया। 85 वर्षीय तुलसी देवी को उनके बेटे अस्पताल ले जाने में असमर्थ थे। ग्रामीणों ने डोली का इंतजाम किया और उन्हें ऊबड़-खाबड़ रास्तों से होते हुए सड़क तक पहुंचाया जहाँ से उन्हें अस्पताल ले जाया गया। ग्रामीणों ने सड़क निर्माण की मांग की है।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर। एक ओर देश विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है, वहीं बागेश्वर जिले के दूरस्थ गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर हैं। शनिवार की सुबह सेलकुना गांव में सड़क न होने की वजह से एक मार्मिक दृश्य सामने आया। गांव की एक बुजुर्ग महिला बीमार थी। उपचार के लिए उसे अस्पताल पहुंचाना था। गांव वालों के पास कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने बीमार को डोली से पांच किमी दूर मुख्य सड़क तक पहुंचाया।
गरुड़ तहसील के सेलकुना गांव निवासी 85 वर्षीय तुलसी देवी पत्नी नर बहादुर थापा की तबीयत कई दिनों से खराब थी। उनके पुत्र गोविंद सिंह थापा उन्हें अस्पताल ले जाने में असमर्थ थे। गांव के युवा कामकाज आदि के लिए घर से बाहर रहते हैं। नवमी तथा विजयादशमी के अवकाश पर वह घर आए थे। डोली तथा युवाओं का इंतजाम किया।
ग्रामीणों ने बुजुर्ग महिला को डोली में बैठाया तथा ऊबड़-खाबड़ पगडंडियों से गुजरते हुए करीब पांच किलोमीटर पैदल सड़क मार्ग तक लाए। वहां से निजी वाहन की मदद से महिला को अस्पताल पहुंचाया गया। गांववालों ने बताया कि कई बार ऐसे समय में घर में युवा लोग न होने से स्थिति और भी कठिन हो जाती है।
बुजुर्गों व महिलाओं को डोली में लाना-ले जाना ग्रामीणों के लिए अब एक मजबूरी बन चुकी है। ग्रामीण विपिन जोशी, प्रकाश जोशी, शेखरानंद, राजन बहादुर, किशोर बहादुर, बद्रीदत्त, परमांनद, मोहन चंद्, बिरमा देवी, अनिल बहादुर आदि ने कहा कि कई बार सड़क निर्माण की मांग की, लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हुई। वर्षा तथा सर्दी के मौसम में हालात और भी गंभीर हो जाते हैं।
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