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शंभू नदी किनारे आया मलबा हटाने टीम रवाना

चमोली जिले को जोड़ने वाली शंभू नदी भूस्खलन के मलबे से पट गई थी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 06:38 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 06:38 PM (IST)
शंभू नदी किनारे आया मलबा हटाने टीम रवाना
शंभू नदी किनारे आया मलबा हटाने टीम रवाना

शंभू नदी किनारे आया मलबा हटाने टीम रवाना

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जागरण संवाददाता बागेश्वर : जिले के सीमांत में चमोली जिले को जोड़ने वाली शंभू नदी भूस्खलन के मलबे से पट गई थी। जिले के अंतिम गांव लगभग से करीब दो किमी आगे भूस्खलन होने से मलबा सीधे नदी पर गिर रहा था। जिस कारण 6500 क्यूसेक पानी जमा होने से तालाब बन गया था। मंगलवार को सिंचाई और राजस्व विभाग की टीम रवाना हो गई है। वह मशीनों के जरिये पानी के बहाव को तेज करने का काम प्रारंभ करेगी।

कपकोट तहसील के आपदाग्रस्त गांव कुंवारी की पहाड़ी से समय-समय पर भूस्खलन होता रहता है। वर्ष 2013 में भी भूस्खलन के कारण गांव की तलहटी पर बहने वाली शंभू नदी में झील बन गई थी। तब बारिश में जलस्तर बढ़ने से नदी में जमा मलबा बह गया और खतरा टल गया था। वर्ष 2018 में एक बार ऐसे ही हालात बने। इस बार नदी में फिर मलबा जमा हो गया था। नदी में लगभग एक किलोमीटर लंबा तथा 50 मीटर चौड़ी तालाब बन गया है। मानसून में बारिश से यदि तालाब टूट गया तो चमोली जिले को नुकसान हो सकता था। पिंडर नदी चमोली जिले के थराली, नारायणबगड़ से होते हुए कर्णप्रयाग में अलकनंदा में जाकर मिलती है। इधर, एसडीएम कपकोट पारितोष वर्मा ने बताया कि टीम रवाना हो गई है। बारिश होने से सड़कें बंद थी। अभी टीम से संपर्क नहीं हो पा रहा है।

डीएमएमसी ने दी थी रिपोर्ट

एडीएम सीएस इमलाल ने बताया कि उत्तराखंड के आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र (डीएमएमसी) ने पूर्व में ही अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कुंवारी गांव के पास कपकोट व हत्थसिला से फोरमेशन होकर गुजर रहे हैं। उनके आपस में टकराने से टैक्टोनिक जोन बन रहा है। माना जा रहा है कि कुंवारी गांव की पहाड़ी पर हो रहा भूस्खलन उसी के फलस्वरूप है।

ग्लेशियर से निकलती है शंभू नदी

शंभू नदी बोरबलड़ा गांव के समीप शंभू ग्लेशियर से निकलती है। नदी कुंवारी गांव से करीब पांच किमी आगे पिंडारी ग्लेशियर से निकलने वाली पिंडर नदी में मिल जाती है। ग्रामीणों के अनुसार तालाब बोरबलड़ा के तोक भराकांडे से करीब चार किमी और कुंवारी गांव की तलहटी से करीब दो किमी दूर कालभ्योड़ नामक स्थान पर बना है। जहां से करीब चार किमी आगे जाकर शंभू नदी पिंडर में मिल जाती है।

पोकलैंड की कर रहे व्यवस्था

सिंचाई विभाग कपकोट के अधिशासी अधीशासी अभियंता जगत सिंह बिष्ट ने बताया कि टीम रवाना हो गई है। मलबा हटाने के लिए पोकलैंड की व्यवस्था की जा रही है। उसके बाद ही काम शुरू हो सकेगा।

सिंचाई और विभाग की टीम शंभू नदी की तरफ रवाना कर दी गई है। एसडीएम कपकोट नजर रखे हुए हैं। नदी के किनारे से मलबा हटाने का काम शुरू किया जाएगा। शीघ्र नदी का बहाव तेज हो जाएगा।

- विनीत कुमार, डीएम, बागेश्वर


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