आरोही से बच्चों को अक्षर ज्ञान के साथ ही मिलेगा व्यवहारिक ज्ञान
आरोही कार्यक्रम के तहत नए प्रवेश लेने वाले बच्चों को अब आरोही माड्यूल के तहत विभिन्न रोचक गतिविधियों के माध्यम से पढ़ाई के प्रति आकर्षित किया जाएगा। इससे बच्चों को विद्यालय में स्वयं को समायोजित करने में मदद मिलेगी।

जासं, बागेश्वर : आरोही कार्यक्रम के तहत नए प्रवेश लेने वाले बच्चों को अब आरोही माड्यूल के तहत विभिन्न रोचक गतिविधियों के माध्यम से पढ़ाई के प्रति आकर्षित किया जाएगा। इससे बच्चों को विद्यालय में स्वयं को समायोजित करने में मदद मिलेगी।
माड्यूल में बच्चों के छह कौशल, जिसमें शारीरिक, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता और भाषा विकास, सृजनात्मक विकास, संज्ञानात्मक गणितीय विकास, भावनात्मक संवेदनात्मक, सामाजिक व पर्यावरणीय विकास को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। माड्यूल के माध्यम से गतिविधियों को रुचिकर बनाने के लिए डिजीटल सामग्री भी उपलब्ध होगी। जिसको राजकीय विद्यालयों के शिक्षक अपने मोबाइल फोन से क्यू आर कोड स्केन करके बच्चों को रुचिकर गतिविधियों से भाषा व संख्या ज्ञान के बुनियादी कौशलों को सिखाएंगे। इसके लिए तीन माह का रेडी नेश के बाद शिक्षक बच्चों का आकलन भी करेंगे। कार्यक्रम के प्रथम चक्र में जिला स्तर पर प्रत्येक विकास खंड के प्रत्येक संकुल से मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। द्वितीय चरण में प्रत्येक संकुल स्तर पर शिक्षकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण संपादित किया जाएगा। तृतीय चरण में सभी गतिविधियों के साथ इसे विद्यालयों में लागू किया जाना है।
माड्यूल हुए प्राप्त
ब्लाक संसाधन केंद्र प्रभारी हेम लोहुमी ने बताया कि आरोही माडयूल उन्हें प्राप्त हो चुके हैं, जिन्हें शीघ्र प्रत्येक विदयालय को संकुल केंद्र के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। जनपद में आरोही प्रशिक्षण के लिए तैयारियां की जा रही है। उम्मीद है कि यह कार्यक्रम नव प्रवेशी बच्चों के लिए ब्रिज कोर्स के रूप में कार्य करेगा। कार्यक्रम को अप्रैल माह से प्रारंभ करा दिया जाएगा।
- गजेंद्र सिंह सोन, सीईओ, बागेश्वर
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