Bageshwar के तहसील की कल्पना ने IAS परीक्षा में हासिल किया 102 रैंक, नानी को बताया अपना रोल मॉडल
बागेश्वर आईएएस परीक्षा में 102 रैंक प्राप्त करने वाली कल्पना पांडे नानी को रोल मॉडल मनाती है। उन्होंने नानी के संघर्षों की कहानी सुनकर लक्ष्य साधा और बुलंदिया छूं ली। वह कहती हैं कि पहाड़ निवासी महिलाओं का जीवन काफी मुश्किल भरा है।

बागेश्वर: आईएएस परीक्षा में 102 रैंक प्राप्त करने वाली कल्पना पांडे नानी को रोल मॉडल मनाती है। उन्होंने नानी के संघर्षों की कहानी सुनकर लक्ष्य साधा और बुलंदिया छूं ली। वह कहती हैं कि पहाड़ निवासी महिलाओं का जीवन काफी मुश्किल भरा है। इसे आसान बनाने के लिए बेटियों को निरंतर बेहतर करने के प्रयास करने होंगे।
जिले के गरुड़ तहसील के खडेरिया गांव निवासी रमेश चंद्र पांडे और मंजू पांडे की सबसे छोटी बेटी कल्पना अपनी नानी (87 वर्ष) खष्टी भट्ट से काफी प्रभावित रहीं। बचपन में उसे नानी अपने संघर्ष की कहानी सुनाती थी जिसे सुन वह भीतर से खुद को मजबूत बनाने लगी। कल्पना कहती है कि नानी उनकी मॉडल रोल है। पेटलाकोट गांव निवासी नानी ने अपने पति को खो दिया। उसके बाद उनका संघर्ष शुरू हुआ। दो बेटियां और एक बेटे का लालन-पालन करने के लिए वह संघर्ष करती रही। एएनएम बनकर पूरे परिवार को शिक्षा दिलाई। उनकी मां मंजू पांडे और बड़ी मां धुनली देवी को एएनएम बनाया। कल्पना ने कहा कि पहाड़ की महिला के दर्द को बचपन से ही देखा है। पहाड़ की महिला भी कुछ कर सकती है। ऐसा बार-बार सोचती थी।
कल्पना कहती हैं कि दादाजी स्व. कमलापति बचपन में कहते थे कि तुम बड़ा अफसर बनोगी, खूब पढ़ाई करो, बस इसी बात से प्रेरणा मिली। निर्धारित लक्ष्य बनाया और आगे बढ़ती गई। वह नियमित आठ घंटे पढ़ाई करती हैं। उन्हें दूसरे प्रयास में सफलता मिली है। मुख्य विषय राजनीति विज्ञान था। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, गुरुजनों और अपने दोस्तों को दिया। उन्होंने लगातार आगे बढ़ने को प्रेरित किया।
कल्पना ने युवाओं के लिए अपने संदेश में कहा कि युवा एक निर्धारित लक्ष्य बनाएं। नियमित पढ़ाई करें। धैर्य रखें। आत्मविश्वास बनाए रखें। जरूर सफलता मिलेगी।
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