Bageshwar News: पौंसारी आपदा में लापता पूरन तथा गिरीश नहीं मिले, तलाश जारी
बागेश्वर के पौंसारी में आपदा के बाद लापता पूरन और गिरीश अभी भी नहीं मिले हैं जिससे उनके मिलने की उम्मीद कम हो गई है। बादल फटने से दो मकान दब गए थे जिसमें से तीन शव मिले हैं। भारी बारिश से अन्य क्षेत्रों में भी नुकसान हुआ है कई सड़कें बंद हैं जिससे हजारों लोग प्रभावित हैं। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें लगातार खोज में जुटी हैं।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर। पौंसारी में आई आपदा में लापता पूरन तथा गिरीश अभी भी नहीं मिल सके हैं। उनके मिलने की संभावना भी अब कम दिखाई दे रही है। जिस स्थान पर मकान मलबे के नीचे दब गए थे, वहां कई मीटर तक गाद जम गई है। इसके अलावा गधेरा भी उफना हुआ था। वहीं, जिले के अन्य स्थानों पर भी वर्षा के कारण घरों को नुकसान हुआ है। छह सड़कों पर अभी भी यातायात बंद है।
28 अगस्त को पौंसारी के खाईजर तोक में बादल फटने जैसी घटना में दो मकान दब तथा बह गए थे। जिसमें दो परिवारों के पांच लोग गायब थे। जिनमें तीन लोगों के शव निकाल लिए गए हैं, जबकि दो अलग-अलग परिवारों के दो लोग अभी भी लापता हैं।
एसडीआरएफ तथा एनडीआरएफ के अलावा डाक स्काट भी वहां गधेरे को छान रही है। लेकिन गुरुवार को भी उन्हें कामयाबी नहीं मिल सकी है। टीमों ने अब बैसानी के नीचे तक नदी में भी सर्च अभियान चलाना शुरू कर दिया है।
पगना में मकान की छत क्षतिग्रस्त
काफलीगैर तहसील के पगना गांव में अतिवृष्टि से अनिल कुमार पुत्र जगदीश प्रसाद के आवासीय मकान की छत क्षतिग्रस्त हो गई है। प्रभावित परिवार बेघर हो गया है। किसरोली में जोगा राम पुत्र पनी राम, पाना में त्रिलोक सिंह पुत्र केशर सिंह के आंगन भी आपदा के भेंट चढ़ गए हैं। उनके घरों को भी खतरा बना हुआ है।
वहीं, सातचैरा जल्थाकोट किमी दो, कपकोट-पिंडारी ग्लेशियर किमी 11 से काफलीकमेड़ा किमी एक, उंगिया से सोराग किमी दो तथा तीन, भयूं-गडेरा किमी 12 तथा 14, वाछम से खाती किमी तीन, कन्यालीकोट-जगथाना किमी एक, तीन तथा चार समेत छह मोटर मार्ग बंद हैं। जिसके कारण 12 हजार से अधिक जनसंख्या प्रभावित हो रही है। उधर, जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि बंद सड़कों को खोलने का कार्य युद्धस्तर से चल रहा है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।