Bageshwar Disaster: राहत शिविर बच्चों के लिए रोमांच, बेटियों का तीन दिन से स्कूल नहीं जाने का छलका दर्द
बागेश्वर के पौंसारी गांव में बादल फटने से प्रभावित बच्चे राहत शिविरों में पहुंचे हैं। पांच वर्ष से कम आयु के बच्चे इसे रोमांचक मान रहे हैं जबकि बड़ी बेटियां डरी हुई हैं। स्कूल शिविर बनने से उनकी पढ़ाई बाधित है। वे शांत हैं पर उनकी आंखें भविष्य को लेकर चिंतित हैं। गांव के तीन लोगों की आपदा में मौत हो गई और दो अभी भी लापता हैं।

जासं, बागेश्वर । पौंसारी के खाईजर गांव में बादल फटने जैसी घटना से राहत शिविर में पहुंचे बच्चे अनजान हैं। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए शिविर सिर्फ रोमांच बना हुआ है। जबकि उससे अधिक उम्र के बेटियां कुछ संभली तथा भयभीत नजर आ रहीं हैं।
स्कूल राहत शिविर बने हैं। जिसके कारण उनकी पढ़ाई चौपट है। लेकिन उनकी जुबान तो कम चल रहीं हैं, लेकिन उनकी आंखें भविष्य को लेकर चिंतित जरूर दिख रहीं हैं।
रविवार को आपदा प्रभावित गांवों के बच्चे भी राउमावि बैसानी राहत शिविर में पहुंचे। कक्षा छह से आगे पढ़ने वाले बच्चों का यह विद्यालय है। उन्हें यहां की ईंट-ईंट के बारे में मालूम है। लेकिन वह आज यहां पढ़ने नहीं आए हैं। जबकि वह मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे। वह काफी शांत थे।
उन्हें मालूम था कि उनके गांव के तीन लोग आपदा ने लील लिए हैं। जबकि अभी दो गायब हैं। लेकिन छोटे बच्चों के लिए यह शिविर किसी पंडाल से कम नहीं था। वह यहां पूरी मस्ती करना चाहते थे। लेकिन उनके माता-पिता के उदास चेहरे यह सबकुछ करने से उन्हें रोक रहे थे।
शिविर में आई आपदा प्रभावित प्रियांशी, कमला प्रियंका, गीता, ममता, सरिता तथा कमल ने कहा कि वह पिछले तीन दिन से स्कूल नहीं जा रहे हैं। गांव में बिजली नहीं होने से पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है। पानी की व्यवस्था नहीं है। पेयजल योजनाएं बह गईं हैं। भोजन आदि जैसे तैसे स्वजन जुटा रहे हैं। वर्षा होते ही उनके मम्मी-पापा परेशान हो रहे हैं। ईश्वर से प्रार्थना करने में जुटे हैं।
उनका गांव पौंसारी अभी भी अन्य गांवों के संपर्क से कटा हुआ है। नदी में आवाजाही के लिए बने चार पुलिया बह गई हैं। आज उन्हें किसी तरह नदी पार करा कर यहां लाया गया है। वह मुख्यमंत्री से मिलेंगे तथा उनसे बात भी करेंगे।
गुरुवार की रात पौंसारी के खाईजर में बादल फटने जैसी घटना हुई। वहां सिर्फ चार मकान थे। दो मकानों में ही दो सगे भाइयों के पांच लोग रहते थे। वर्षा तथा गधेरे में आई बाढ़ के कारण उनके मकान बह गए थे। जिसमें तीन शव बरामद कर लिए हैं। जबकि अभी दो लोगों की तलाश की जा रही है। एक घायल पवन जोशी का जिला अस्पताल उपचार चल रहा है। बिजली, पानी आदि व्यवस्थाएं पटरी पर आ रहीं हैं। सड़क खोलने के लिए लोनिवि काम कर रही है। राहत शिविर में लोगों को भोजन के अलावा उन्हें राशन किट भी वितरित किए गए हैं। स्वास्थ्य समेत सभी विभाग सहयोग कर रहे हैं। वह स्वयं तीन दिन से राहत शिविर में रह रहे हैं। - आशीष भटगांई, जिलाधिकारी, बागेश्वर
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