Almora: स्याल्दे में सड़क पर उतरीं मातृशक्ति, बेसहारा गोवंश को तहसील पहुंचाया
स्याल्दे में स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मुद्दों पर जनांदोलन तेज़ हो गया है। गोवंश संरक्षण में लापरवाही के चलते महिलाओं का धैर्य टूट गया और वे सड़कों पर उतर आईं। महिलाओं ने गाय-बैलों को तहसील पहुंचाया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। एसडीएम की गैरमौजूदगी में महिलाएं धरने पर बैठ गईं। आंदोलनकारियों ने मांगों के पूरा होने तक आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया।

सात गांवों व बाजार की महिलाओं ने निकाला जुलूस। जागरण
जागरण संवाददाता, स्याल्दे। स्वास्थ्य, शिक्षा आदि ज्वलंत मुद्दों पर जनांदोलन जोर पकड़ गया है। आमरण अनशन के बीच गोवंश के संरक्षण को ठोस कदम न उठाए जाने पर मातृशक्ति का धैर्य जवाब दे गया। बाजार के साथ ही आसपास के सात गांवों की महिलाओं का हुजूम सड़क पर उतर आया। जुलूस निकाल गाय बैलों को हांक कर तहसील परिसर में पहुंचा दिए गए। तंत्र व सरकार के विरुद्ध नारेबाजी कर नारीशक्ति ने प्रदर्शन किया। एसडीएम की अनुपस्थिति में महिलाएं धरने पर बैठ गईं। उधर छह दिन से आमरण अनशन पर डटे आंदोलनकारी राकेश बिष्ट का स्वास्थ्य भी बिगड़ने लगा है।
स्याल्दे क्षेत्र में गोवंश को बेसहारा छोड़ने से आमजन त्रस्त हैं। निरीह गोवंश के संरक्षण और बेकद्री करने वालों पर कार्रवाई को कई बार मुद्दा उठाने के बावजूद शासन प्रशासन ने कारगर कदम न उठाए गए तो गुरुवार को महिलाओं के सब्र का बांध टूट पड़ा। तिमली, पैठाना, कैहड़गांव, जसपुर, भाकुड़ा, तामाढौन व खटलगांव के साथ ही स्याल्दे बाजार कही महिलाओं को जहां कहीं भी निरीह गोवंश घूमता मिला, उन्हें हांकती गई। जुलूस निकाल गाय बैलों को लेकर तहसील मुख्यालय जा धमकी। प्रदर्शन कर धरना दिया।
इस दौरान हुई सभा में महिलाओं ने कहा कि क्षेत्र में गोशाला के निर्माण की मांग अरसे से उठाती आ रही हैं। मगर गोवंश के संरक्षण की चिंता के बजाय उन्हें बेसहारा छोड़ा जा रहा। निरीह प्राणी खेतों की फसल बर्बाद कर रहे, वहीं गोवंश के साथ क्रूरता भी बढ़ रही है। एसडीएम सीमा विश्वकर्मा के न मिलने पर आक्रोशित महिलाओं ने 26 नवंबर तक की मोहलत देते हुए चेतावनी दी कि यदि इस अवधि में ठोस कार्यवाही नहीं हुई तो 27 को करीब 300 गाय बैलों के साथ तहसील घेराव किया जाएगा।
समाधान न होने तक चलेगा आंदोलन
इधर अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र के उच्चीकरण, खस्ताहाल आइटीआइ का सुचारू संचालन, महाविद्यालय में बीटेक व बीबीए की कक्षा शुरू कराने को राकेश बिष्ट आमरण अनशन पर डटे हैं। रूटीन स्वास्थ्य परीक्षण में आंदोलनकारी के वजन में गिरावट पाई गई। आंदोलनकारियों ने मांगों से कम पर समझौता न करने का ऐलान किया।

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