जल स्रोत सूखने से गहराया पानी का संकट
जाड़ों में बारिश न होने के कारण लगातार सूखते जा रहे जल स्त्रोतों ने गाव-गांव मेंत्राहि-त्राहि मचा दी है। ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, द्वाराहाट : जाड़ों में बारिश न होने के कारण लगातार सूखते जा रहे जल स्त्रोतों ने गाव-गाव में त्राहि-त्राहि मचा दी है। पानी की आपूर्ति को बनी योजनाओं के ठप हो जाने के कारण ब्लॉक के छबीसा व मासर गांव की करीब दो हजार की आबादी मीलों दूर से नदी का गंदा पानी पीने को विवश हैं। इन क्षेत्रों में अकेले गुजर बसर कर रहे वृद्धों का संकट और अधिक दुखदाई है। तंत्र से मदद की गुहार लगाते लोगों की समस्या का समाधान होना तो दूर अधिकारी बात करने को तक तैयार नहीं। गुस्साए ग्रामीणों ने समाधान न होने पर दस अप्रैल को कफड़ा बाजार में राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगाने का एलान किया है।
विकासखंड के छबीसा व मासर ग्राम पंचायतों के बाशिंदे बीते एक माह से पानी की बूंद के लिए तरस रहें हैं। योजनाओं के अलावा अन्य स्त्रोत सूख जाने के कारण दिनभर पानी के जुगाड़ में इधरउधर भटकना ग्रामीणों की नियति बन गई है। इस पर भी जुगाड़ न होने पर गधेरों व खालों का गंदा पानी पीना उनकी मजबूरी बन चुकी है। परेशान ग्रामीणों में विभाग के खिलाफ जबरदस्त आक्त्रोश है।
छबीसा के ग्रामप्रधान दिनेश कुमार, मासर की हेमा देवी, पूर्व बीडीसी सदस्य राजेंद्र सिंह रौतेला ने आरोप लगाया कि टैंकर से पानी की आपूर्ति के लिए जल संस्थान के अधिकारियों से संपर्क करने पर कोई फोन नहीं उठाता। बमुश्किल बात हुई भी तो बजट की कमी की बात कह दी जाती है। निराश ग्रामीणों ने तत्काल टैंकरों के जरिये पानी की आपूर्ति नहीं किए जाने पर 10 अप्रैल को चक्काजाम कर आदोलन की चेतावनी दी है।
==================== 'स्त्रोत सूखने के कारण छबीसा, मासर आदि क्षेत्रों में पानी की समस्या हुई है। फोन न उठाने व बजट की कमी की बात सही नहीं है। क्षेत्र के लिए शीघ्र टैंकरों से पानी भेजा जाएगा।
- एसएस रौतेला, कनिष्ठ अभियंता जल संस्थान'

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