Uttarakhand Panchayat Chunav Result: पटवारी भर्ती परीक्षा रद हुई तो की मेडिकल स्टोर में नौकरी, बनीं सबसे युवा प्रधान
बग्वालीरौतेला ग्राम पंचायत की मुखिया हेमा आर्या जो समाजशास्त्र में एमए हैं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के साथ-साथ गांव में मेडिकल स्टोर खोलेंगी। पटवारी भर्ती परीक्षा रद्द होने के बाद उन्होंने ग्राम प्रधानी का चुनाव लड़ने का फैसला किया। उनका उद्देश्य सामाजिक बदलाव लाना स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाना और सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। वह गांव में मेडिकल स्टोर खुलवाना चाहती हैं।

जासं, रानीखेत। बग्वालीरौतेला ग्राम पंचायत (ताड़ीखेत ब्लाक) की मुखिया बनी हेमा आर्या समाजशास्त्र में एमए है। उसने पटवारी भर्ती का फार्म भरा था लेकिन पेपर लीक होने के कारण परीक्षा रद हो गई थी। तब से वह रानीखेत बाजार स्थित मेडिकल स्टोर में काम कर रही हैं।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के बीच 26 वर्षीय इस जागरूक युवती ने पंचायत चुनाव करीब देख ग्राम प्रधानी का चुनाव लड़ने का मन बना लिया। मकसद वही, सामाजिक बदलाव, गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जूझना और शिक्षित होने के नाते सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना।
उसके पिता मनोज कुमार दस वर्ष पूर्व दुनिया से चल बसे। माता रमा देवी आंगनबाड़ी केंद्र में सहायिका हैं। वह कहती हैं कि उसके घर की माली हालत बहुत अच्छी नहीं है। बड़ा भाई ललित कुमार दिल्ली की एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है। अविवाहित दीदी पूजा शिशु मंदिर में पढ़ाती थी। अब छोड़ दिया।
छोटी बहन तारा जंतु विज्ञान से एमएससी कर चुकी है और नौकरी की तलाश में है। पूर्व प्रधान रह चुके चाचा भुवन चंद्र ने हौसला दिया। वह कहती हैं कि गांव में वह सबसे पहले मेडिकल स्टोर खुलवाएंगी। ताकि दवा के लिए ग्रामीणों को रात अधरात इधर उधर न भटकना पड़े। फिर गांव को माडल बनाने का खाका खीचेंगी।
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