Uttarakhand Panchayat Chunav Result: ग्राम पंचायत चलथी को मिला दिल्ली वाला प्रधान, गांव ने अपनाया प्रवासी बेटा
धौलादेवी ब्लॉक के चलथी गांव में गोधन सिंह प्रधान चुने गए। दिल्ली में रोजगार करने वाले गोधन सिंह को ग्रामीणों ने प्रधान चुनकर मिसाल कायम की। उन्हें 168 वोट मिले। बड़ी संख्या में प्रवासी मतदाता दिल्ली देहरादून चंडीगढ़ से वोट डालने पहुंचे। गोधन सिंह ग्रामीण विकास के लिए सक्रिय रहे हैं। गांव के लोगों ने उनकी साफ छवि को देखते हुए उन्हें चुना।

जासं, अल्मोड़ा। धौलादेवी ब्लॉक के ग्राम पंचायत चलथी ने एक खास संदेश दिया है "दिल गांव में हो तो दूरियां मायने नहीं रखतीं।" दिल्ली में रहकर रोजगार कर रहे गोधन सिंह को ग्रामीणों ने अपना प्रधान चुनकर एक मिसाल पेश की है।
गोधन सिंह को 168 मत मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी गोकुल सिंह को 121 मत प्राप्त हुए। कुल 412 मतदाताओं में से 305 लोगों ने मतदान किया, जिनमें से 16 मत रद्द हुए।
इस जीत की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि बड़ी संख्या में प्रवासी मतदाता दिल्ली, देहरादून और चंडीगढ़ से लंबी दूरी तय कर सिर्फ वोट डालने गांव पहुंचे। यह नजारा चलथी में लोकतंत्र के प्रति गहराई से जुड़ी भावना का प्रतीक बना।
प्रवासी, लेकिन प्राथमिकता गांव
दिल्ली में रहने वाले गोधन सिंह लंबे समय से प्रवासी जीवन जी रहे हैं, लेकिन गांव से नाता कभी नहीं टूटा। ग्रामीण विकास, शिक्षा और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर वे लगातार सक्रिय रहे। चुनाव में उन्होंने गांव लौटकर सेवा का संकल्प लिया और गांववासियों ने उन्हें भरपूर समर्थन देकर सिरमौर बना दिया।
गांव ने दिखाया भरोसा
गांव के बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक ने गोधन सिंह की साफ छवि और नीयत को देखा और वोट के जरिए उन्हें चुना। ग्रामीण किशन ने कहा जो बाहर रहकर भी गांव के लिए सोचता है, वही असली सेवक है।
प्रवासी अब परिवर्तन का प्रतीक
चलथी पंचायत का यह परिणाम प्रवासी जनों के बढ़ते प्रभाव और उनकी स्वीकार्यता को दर्शाता है। यह कहानी सिर्फ चुनाव की नहीं, बल्कि पहाड़ से दूर रहकर भी पहाड़ के लिए धड़कने वाले दिल की है।
गोधन सिंह की जीत के साथ अब गांव को नए नेतृत्व से बदलाव की उम्मीद है। जो दूर रहकर भी अपने जड़ों से जुड़ा रहा।
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