Uttarakhand Forest Fire: फायर सीजन खत्म, इस बार आग से बारिश ने दिलाई राहत
अल्मोड़ा जिले में इस साल जंगल की आग की घटनाओं में भारी कमी आई है केवल साढ़े नौ हेक्टेयर जंगल ही जला है। वर्षा के कारण आग लगने की घटनाएं पांच साल के न् ...और पढ़ें

संस, जागरण अल्मोड़ा। फायर सीजन खत्म हो गया है। ऐसे में इस बार फायर सीजन आग की घटनाओं के मामले में राहत भरा रहा। जनपद में इस वर्ष पूरे फायर सीजन में आग की मात्र पांच घटनाएं सामने आई। जिसमें मात्र साढ़े नौ हेक्टेयर जंगल जला। वर्षा की बौछारों ने आग की घटनाओं को पांच साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंचा दिया। इससे पहले कोरोना में जंगलों में आग की घटनाएं कम हुई थी। आग की घटनाएं नहीं होने से वन विभाग ने राहत की सांस ली
फायर सीजन 15 फरवरी से 15 जून तक होता है, यह सीजन वन विभाग के लिए चुनौती पूर्ण रहता है। गर्मी बढ़ने के साथ आग की घटनाएं भी बढ़ जाती है। हर वर्ष सैकड़ों हेक्टेयर जंगल आग की भेंट चढ़ जाते हैं। इस वनाग्नि में ना केवल वन संपदा को नुकसान पहुंचता है, बल्कि कई जानवर, पशु पक्षी भी मारे जाते हैं। जबकि बीते साल जनपद में आग की घटनाओं ने भयावह रूप ले लिया था।
जंगल की आग कई लोगों को कभी ना भूलने वाला जख्म दे गई। फायर सीजन के ठीक दो दिन पहले 13 जून 2024 को बिनसर क्षेत्र में वनाग्नि से जंगल को बचाने के फेर में चार लोग मौके पर जिंदा जल गए थे। जिसमें वन कर्मी और पीआरडी जवान शामिल थे। दो अन्य लोगों ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। जबकि स्यूनराकोट में भी जंगल की आग की चपेट में आने से चार नेपाली श्रमिकों की मौत हो गई थी।
वहीं सोमेश्वर वन क्षेत्र में ही आग बुझाने के दौरान एक ग्रामीण की मौत हो गई थी। इससे लोगों में दहशत थी। पर इस वर्ष मौसम मेहरबान रहा। फायर सीजन शुरू होने के साथ बीच-बीच में वर्षा का दौर जारी रहा। अंतिम दिन रविवार को भी जिला मुख्यालय समेत तमाम क्षेत्रों में वर्षा हुई। वर्षा के चलते ही इस बार पांच घटनाओं में कुल नौ हेक्टेयर के आसपास जंगल जले।
विभाग की ओर से फायर सीजन को लेकर पूरी तैयारी की गई थी। वर्षा के चलते इस वर्ष आग की घटनाएं कम हुई। जनपद में आग की कुल पांच घटनाएं सामने आई। - दीपक सिंह, डीएफओ अल्मोड़ा

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