होम स्टे से पर्यटन व्यवसाय को लगेंगे पंख
होम स्टे से पर्यटन व्यवसाय को पंख लगने लगे हैं।

होम स्टे से पर्यटन व्यवसाय को लगेंगे पंख
संस, अल्मोड़ा: सांस्कृतिक नगरी में पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाएं हैं। हर साल देशी व विदेशी पर्यटक हजारों की संख्या में पहुंचते हैं। सरकार ने स्थानीय लोगों को पर्यटन कारोबार से जोड़ने के लिए लाभकारी होम स्टे योजना से जोड़ना शुरू कर दिया है।
पर्यटन क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों को अब हवालबाग स्थित इंक्यूबेटर सेंटर के माध्यम से कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। स्वरोजगार को बढ़ावा देना तथा पलायन को रोकना होम स्टे योजना का मुख्य उद्देश्य है। इस वर्ष होम स्टे योजना के लिए विभिन्न क्षेत्रों से 19 लोगों ने आवेदन किया। जिसमें से जिला चयन समिति ने 16 लोगों के लिए होम स्टे स्वीकृत किए। जिले में सर्वाधिक होम स्टे विकास खंड हवालबाग में हैं। इसके बाद विकास खंड ताड़ीखेत में हैं। वर्तमान में जिले के विभिन्न विकास खंडों में कुल 310 होम स्टे संचालित किए जा रहे हैं। इससे जहां हजारों लोगों को स्वरोजगार मिल रहा है। वहीं इसका लाभ अन्य कारोबार से जुड़े लोगों को भी मिल रहा है।
होम स्टे के लिए प्रक्रिया
इसके लिए अभ्यर्थी को आनलाइन पंजीकरण कराना होता है। जिसका शुल्क 500 रुपये निर्धारित किया गया है। इसके लिए खाता-खतौनी जरूरी है। इसके लिए अभ्यर्थी को दो साल तक का लाइसेंस मिलेगा। वहीं नया होम स्टे बनाने के लिए अभ्यर्थी को 30 लाख तक का ऋण मिलेगा। इसमें 50 प्रतिशत मूल सब्सिडी तथा 50 प्रतिशत ब्याज सहित सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।
पर्यटकों का होम स्टे की ओर बढ़ रहा रुझान
पहाड़ की आबोहवा व ग्रामीण परिवेश से रूबरू होने के लिए पर्यटकों का रुझान होम स्टे की ओर बढ़ रहा है। कई पर्यटक शहर के शोर से दूर ग्रामीण क्षेत्रों के होम स्टे में ही रहना पसंद करते हैं।
स्वरोजगार को बढ़ावा देने तथा ग्रामीण क्षेत्रों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए होम स्टे योजना के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जल्द ही जिले में होम स्टे की संख्या और बढ़ेगी।
- अमित लोहनी, जिला पर्यटन विकास अधिकारी

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