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झूठी गवाही देने पर दंपती को तीन महीने की सजा, दस-दस हजार रुपये का अर्थदंड भी

अल्‍मोड़ा में विशेष सत्र न्यायाधीश डा. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने न्यायालय में गलत बयान देने पर एक दंपती को तीन महीने की सजा सुनाई है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 08:35 PM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 08:37 PM (IST)
झूठी गवाही देने पर दंपती को तीन महीने की सजा, दस-दस हजार रुपये का अर्थदंड भी
झूठी गवाही देने पर दंपती को तीन महीने की सजा, दस-दस हजार रुपये का अर्थदंड भी

अल्मोड़ा, जेएनएन। विशेष सत्र न्यायाधीश डा. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने न्यायालय में गलत बयान देने पर एक दंपती को तीन महीने की सजा सुनाई है। सजा के अलावा दोनों को दस-दस हजार रुपये अर्थदंड भी जमा करना होगा। 

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विशेष सत्र न्यायाधीश डा. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने 29 नंवबर 2018 को पॉक्सो एक्ट के एक मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद अभियुक्त देवेंद्र सिंह को बरी कर दिया था। इस मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश ने पीडि़ता के पिता और माता को न्यायालय में झूठा बयान देने पर नोटिस जारी किया।

लेकिन दंपती द्वारा कोई उचित जवाब न देने पर दोनों के खिलाफ समरी वाद दायर किया गया और पत्रावली पर दर्ज साक्ष्यों के आधार पर विशेष सत्र न्यायाधीश डा. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने दोनों को तीन-तीन महीने की सजा और दस-दस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।

अर्थदंड जमा न करने पर दोनों को एक एक महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अभियोजन की ओर जिला शासकीय अधिवक्ता गिरीश चंद्र फुलारा, सहायक अभियोजन अधिकारी शेखर चंद्र नैनवाल और विशेष लोक अभियोजक भूपेंद्र कुमार जोशी ने न्यायालय में इस मामले की पैरवी की।  

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