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    तीन दशकों से फर्जी दस्तावेजों के सहारे काम करते रहे कर्मी, रिटायरमेंट के पैसे के लिए अप्‍लाई किया तो खुला सच

    Updated: Sat, 14 Jun 2025 04:45 PM (IST)

    अल्मोड़ा के स्वास्थ्य विभाग में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। तीन कर्मचारी तीन दशकों से फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी कर रहे थे। मामला तब खुला जब एक कर्मचारी ने सेवानिवृत्ति के बाद धन के लिए आवेदन किया। सीएमओ की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। जांच में पता चला कि आरोपियों ने फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी पाई थी।

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    सीएमओ की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा किया दर्ज। प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा। जिले के स्वास्थ्य विभाग की अजब-गजब कार्यप्रणाली सामने आई है। करीब तीन दशकों से अधिक समय तक तीन कर्मचारी फर्जी दस्तावेजों के सहारे स्वास्थ्य महकमे में अपनी सेवाएं देते रहे। इस दौरान कभी भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। मामला तब सामने आया जब आरोपितों में से एक आरोपित ने सेवानिवृत्ति की धनराशि के लिए आवेदन किया। मुख्य चिकित्साधिकारी की तहरीर पर पुलिस ने तीनों के खिलाफ अब मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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    पुलिस को मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आरसी पंत ने तहरीर दी। उसमें उन्होंने कहा है कि जून 1989 को अरुण शुक्ला निवासी बरी महतैन जिला कानपुर, बीरबल सिंह निवासी हरिहरपुर फर्रुखाबाद और जयवीर सिंह निवासी अंदरसा, महालीख कानपुर ने अल्मोड़ा स्वास्थ्य विभाग में बहुउद्देशीय कार्यकर्ता के रूप में तैनाती ली। जब तीनों के प्रमाण पत्रों की जांच की गई तो वह फर्जी निकले।

    फर्जी प्रमाण पत्रों का मामला सामने आने पर आरोपित वर्ष 1992 में न्यायालय चले गए। कोर्ट ने कार्रवाई पर स्टे लगा दिया। 2012 में न्यायालय का स्टे हटा और अरुण कुमार को मामले से बरी कर दिया गया। बीरबल न्यायालय में पेश नहीं हुआ और तीसरे आरोपित जयवीर का कोई पता नहीं चला। कोर्ट के स्टे हटाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग तीनों कर्मियों के मामले में लापरवाह बना रहा।

    वर्ष 2021 में बीरबल सेवानिवृत्त हुआ। उसने सेवानिवृत्ति की धनराशि के लिए स्वास्थ्य विभाग में आवेदन किया। भुगतान के लिए बीरबल ने स्वास्थ्य विभाग में संपर्क किया। कार्यकाल ने जब उनके दस्तावेजों की जांच की तो वह फर्जी पाए गए। जिसके बाद फिर एक बार स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हुआ। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आरसी पंत ने तीनों आरोपितों के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी। कोतवाल योगेश चंद्र उपाध्याय ने बताया कि तहरीर के आधार पर तीनों के खिलाफ धोखाधड़ी की विभिन्न धारा में मुकदमा दर्ज किया है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

    स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही उजागर

    अल्मोड़ा: तीन कर्मचारियों की नियुक्ति और कार्रवाई के मामले में स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही भी उजागर हुई है। आरोपित अरुण शुक्ला सल्ट में तैनात है। वह कोर्ट से जीत भी गया था। कोई कार्रवाई नहीं हुई। दूसरा आरोपित बीरबल सिंह वर्ष 2021 में सेवानिवृत्त हुआ। कहां कार्यरत था विभाग जवाब देने में असमर्थ है।

    कोर्ट में पेशी में नहीं आने पर न्यायालय ने उसके मामले को रद कर दिया था। लेकिन विभाग अनजान बना रहा। कोई कार्रवाई नहीं की। तीसरे आरोपित जयवीर सिंह ने ज्वाइन किया। इसके बाद वह कब यहां से गया इसका विभाग के पास डाटा नहीं है।