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    सल्ट में 20 हजार की आबादी प्यासी

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 22 Nov 2020 10:54 PM (IST)

    मानिला (अल्मोड़ा) में सर्दी में सल्ट विकासखंड के बाशिंदों के हलक सूख गए हैं। ...और पढ़ें

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    सल्ट में 20 हजार की आबादी प्यासी

    संस, मानिला (अल्मोड़ा) : सर्दी में सल्ट विकासखंड के बाशिंदों के हलक सूख गए हैं। रामगंगा पंप हाउस थमने से कोटेश्वर शशिखाल पंपिंग योजना से जलापूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है। इससे तहसील मुख्यालय व मुख्य बाजार समेत 30 से ज्यादा गांवों की करीब 20 हजार की आबादी प्रभावित हो गई है। बीते एक पखवाड़ा से चली आ रही पेयजल किल्लत अब और विकट हो चली है। विभाग ने कहा कि कोटेश्वर में रामगंगा नदी का रुख बदलने से जल स्तर गिर गया है। इससे जलसंकट पैदा हुआ है।

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    रामगंगा नदी के जलागम क्षेत्र में बसा सल्ट विकासखंड पेयजल संकट से त्राहि त्राहि कर उठा है। पंप हाउस को पर्याप्त पानी न मिलने से ब्लाक व तहसील मुख्यालय व मुख्य बाजार के साथ ही समीपवर्ती जालीखान, मौलेखाल, देवायल, शशिखाल, पोखरी, चमकना, औलेत, हिनौला, मनहैत, कबराढैया समेत 30 से ज्यादा ग्राम सभाओं की जलापूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है। बढ़ते जलसंकट से फिलहाल विभाग भी बेबस सा नजर आ रहा है। अलबत्ता, जल्द जलापूर्ति का आश्वासन दिया गया है।

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    पहले खामियां, अब शोपीस बना पंपहाउस

    दरअसल, शशिखाल कोटेश्वर पेयजल पंपिंग का निर्माण बीते वर्ष ही पूरा हुआ है। इस साल मई में जलापूर्ति शुरू की गई। तब मशीनरी आदि में खामियां भी पकड़ में आई थीं। मगर अब पंपिंग योजना एकदम बेदम हो गई है। इससे पेयजल किल्लत विकराल रूप ले चुकी है। बाजार के लोग जैसे तैसे हैंडपंप से गुजारा कर रहे। मगर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बूंद बूंद को तरसने लगे हैं। रही सही कसर शरदकालीन वर्षा न होने से पूरी हो गई है। जलस्रोतों का पानी काफी कम हो गया है।

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    लोग भड़के, जनांदोलन की चेतावनी

    भाजपा मंडल अध्यक्ष विक्रम बिष्ट ने आरोप लगाया कि विभागीय अधिकारी पूर्व विधायक स्व. सुरेंद्र सिंह जीना की पहल पर स्वीकृत योजनाओं पर पलीता लगा रहे हैं। सरकारी बजट का सदुपयोग न किए जाने से पेयजल संकट बढ़ा है। उन्होंने शीघ्र समस्या का निदान न होने पर जनांदोलन की चेतावनी दी है।

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    'कोटेश्वर में रामगंगा नदी ने रुख मोड़ लिया है। मुख्य टैंक का जल स्तर गिरने के कारण पंप को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा। जेसीबी मशीनों की मदद से बहाव का रुख पूर्ववत करने का प्रयास किया जा रहा। उम्मीद है सोमवार से जलापूर्ति सुचारू कर दी जाएगी।

    -केएन सेमवाल, सहायक अभियंता जल निगम