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    न्याय के देवता के दरबार में पहुंची पेंशन की फरियाद, कहा- 'गोलू देवता सीईओ को सद्बुद्धि दें'

    Updated: Thu, 02 Oct 2025 01:27 PM (IST)

    गांधी-शास्त्री जयंती पर अल्मोड़ा के अशासकीय सेवानिवृत्त शिक्षक चितई मंदिर में न्याय के देवता गोलू के दरबार पहुंचे। उन्होंने पेंशन प्रकरणों के निस्तारण के लिए प्रार्थना की। शिक्षकों का आरोप है कि सीईओ कार्यालय में पेंशन संबंधी मामले लंबित हैं जिससे उन्हें आर्थिक और मानसिक पीड़ा हो रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही समाधान नहीं हुआ तो वे आंदोलन करेंगे।

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    शिक्षकों ने अंतिम वेतनमान पर पेंशन की मांग की है। जागरण

    जासं, अल्मोड़ा। गांधी-शास्त्री जयंती के दिन जहां पूरा देश महापुरुषों को याद कर रहा था, वहीं जिले के अशासकीय सेवानिवृत्त शिक्षक अपनी फरियाद लेकर चितई स्थित न्याय के देवता गोलू के दरबार पहुंचे। अशासकीय माध्यमिक शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षकों ने चितई मंदिर में पूजा-अर्चना कर पेंशन प्रकरणों के निस्तारण की गुहार लगाई।

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    शिक्षकों ने आरोप लगाया कि मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) अल्मोड़ा कार्यालय में उनके पेंशन संबंधी प्रकरण अनावश्यक रूप से लंबित रखे जा रहे हैं। उन्होंने प्रार्थना की कि गोलू देवता सीईओ को सद्बुद्धि दें ताकि सेवानिवृत्त शिक्षकों को समय पर उनका हक मिल सके। शिक्षकों ने कहा कि उत्तराखंड के 12 जनपदों में सेवानिवृत्त शिक्षक अंतिम आहरित वेतन के आधार पर पेंशन और अन्य देयक पा रहे हैं, लेकिन अल्मोड़ा में यह सुविधा अब तक लागू नहीं हो पाई है।

    सेवानिवृत्त शिक्षकों ने इसे उनके साथ गहरी अन्यायपूर्ण स्थिति बताते हुए कहा कि वृद्धावस्था में पेंशन ही उनका सहारा है। ऐसे में देरी न केवल आर्थिक संकट खड़ा कर रही है। बल्कि मानसिक पीड़ा भी दे रही है। संघ ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही प्रकरणों का निस्तारण नहीं हुआ तो आंदोलनात्मक कदम उठाए जाएंगे।

    इस अवसर पर हीरा सिंह मेहरा, महेंद्र सिंह चौहान, महेंद्र सिंह मेहरा, ललित मोहन जोशी, अशोक कुमार पंत, हरीश उप्रेती, अशोक गढ़िया, श्रीमती हीरा टम्टा सहित कई शिक्षक मौजूद रहे। सभी ने सामूहिक रूप से अपनी फरियाद गोलू देवता को सौंपी।