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    अल्‍मोड़ा में मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर उठे सवाल

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Mon, 26 Jun 2017 06:24 PM (IST)

    मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 120 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया तो लगा कि जिले को बड़ी सौगात मिल गई लेकिन हकीकत सामने आई तो लोग निराश हो गए।

    अल्‍मोड़ा में मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर उठे सवाल

    अल्‍मोड़ा, [सर्वेश तिवारी]: पहली बार अल्मोड़ा आए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से जनता को बहुत उम्मीदें थीं। जब उन्होंने 120 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया तो लगा कि जिले को बड़ी सौगात मिल गई लेकिन हकीकत सामने आई तो लोग निराश हो गए। अधिकांश घोषणाएं व शिलान्यास पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के समय शुरू हुई योजनाओं का ही किया। ऐसी घोषणा कर गए जिसका काम करीब-करीब पूरा हो चुका है।

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    बानगी देखिए। मुख्यमंत्री ने पशु चिकित्सालय बाड़ेछीना के अनावासीय भवन के लिए 37.47 करोड़ दिए है, लेकिन ये काम तो पहले ही पूरा हो चुका है। अब शिलान्यास की बात करें तो अल्मोड़ा से शहर फाटक मोटर मार्ग के ढौरा तक ग्रामीण मोटर मार्ग का शिलान्यास किया गया। जिसकी लागत 3.38 करोड़ है। इसे पूर्व सरकार के कार्यकाल में ही इसकी मंजूरी मिल चुकी थी। इसी तरह 23.50 लाख से जिले में पर्यटन, स्थानीय संस्कृति का काम है। 

    इसके लिए जिला योजना से पहले ही काफी काम हो चुका है। हाल ही में शहर आए सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी अपने चितई मंदिर भ्रमण के दौरान इस योजना के कार्य का निरीक्षण भी किया था। बहरहाल, यह सब पुराना था। अब बात करते है दावा की जा रही नई घोषणाओं की। घोषणाओं में शहर के सबसे प्राथमिकता वाला काम सीवर लाइन का है। 

    जिसके लिए स्थानीय विधायक व विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान कटिबद्ध थे और इस काम के लिए केंद्र सरकार से वार्ता का वादा किसी के गले नहीं उतरा। इसी तरह प्राथमिक स्कूल तलाड़ में भवन निर्माण की घोषणा की गई, लेकिन बताया जा रहा है कि जिला योजना से 12 लाख का काम पहले ही हो चुका है। इसी तरह जीआइसी रैंगल में चार कक्षों की घोषणाएं भी पूर्व सरकार की हैं। 

    पेयजल योजना के नाम पर 40 करोड़ से 24 गांवों के लिए नई पेयजल योजना की तैयारी है। हालांकि कांग्रेस राज में 15 करोड़ की कोसी-मटेला योजना बनी थी। इसके लिए दो करोड़ मिल गए थे और आज काम जारी है। इस योजना को आगे बढ़ाते हुए मटेला-अल्मोड़ा तक 18 एमएलडी योजना कांग्रेस काल से प्रस्तावित है। जो सवा दस करोड़ की है।

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