रेस्क्यू सेंटर में प्री-ओपरेटिव, ओटी व पोस्ट आपरेटिव कक्ष बनेगा
वन्य प्राणी चिकित्सालय एवं रेस्क्यू सेंटर में अब व्यवस्थाएं दुरुस्त होंगी। रेस्क्यू सेंटर में प्री-आपरेटिव पोस्ट आपरेटिव और आपरेशन कक्ष का निर्माण होगा। विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : वन्य प्राणी चिकित्सालय एवं रेस्क्यू सेंटर में अब व्यवस्थाएं दुरुस्त होंगी। रेस्क्यू सेंटर में प्री-आपरेटिव, पोस्ट आपरेटिव और आपरेशन कक्ष का निर्माण होगा। विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है। प्रस्ताव पास होने के बाद रेस्क्यू सेंटर में सुविधाएं बढ़ेंगी।
जिला मुख्यालय के मृग विहार में स्थित वन्य प्राणी चिकित्सालय एवं रेस्क्यू सेंटर में अल्मोड़ा समेत, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चम्पावत जिलों से रेस्क्यू किए हुए वन्य जीवों को लाया जाता है। संरक्षित प्रजाति के तेंदुए समेत विभिन्न वन्य जीवों को यहां रखा जाता है। वहीं कटखने बंदरों का यहां बंध्याकरण किया जाता है। लेकिन रेस्क्यू सेंटर में पुख्ता सुविधाएं नहीं हैं। यहां बध्याकरण जैसे आपरेशन के लिए प्री-आपरेटिव, ओटी, पोस्ट आपरेटिव कक्षों की तक बेहतर व्यवस्था नहीं है। सिर्फ अस्थायी व्यवस्था कर बंध्याकरण होते हैं। अब रेस्क्यू सेंटर नए स्वरूप में नजर आएगा। सिविल सोयम की ओर से इसके निर्माण के लिए करीब 90 लाख रुपये का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। जिसके बाद अब ओटी, प्री-आपरेटिव और पोस्ट आपरेटिव कक्ष सुविधायुक्त होगा। पांच वर्षों में 479 बंदरों का किया गया बंध्याकरण
जासं, अल्मोड़ा : मुख्यालय में कटखने बंदरों का आतंक बड़ी समस्या है। बंदरों से निजात दिलाने में रेस्क्यू सेंटर की बड़ी भूमिका मानी जाती है। यहां पांच वर्षों में 479 बंदरों का बंध्याकरण किया जा चुका है, जिसमें 314 नर और 165 मादा बंदर हैं। इन दिनों भी रेस्क्यू सेंटर में बंध्याकरण के लिए बंदरों को पकड़ा गया है। प्री-आपरेटिव, ओटी और पोस्ट आपरेटिव के लिए फिलहाल अस्थाई व्यवस्था की गई है। ओटी और अन्य कक्ष निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। जल्द प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। इसके पास होते ही निर्माण कार्य शुरू हो सकेगा।
-देवेंद्र खोलिया, वन क्षेत्राधिकारी रेस्क्यू सेंटर अल्मोड़ा
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