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    अल्मोड़ा में बच्चों का विकास 'ठप', 11 विकास खंडों में से 10 में नहीं है बाल विकास परियोजना अधिकारी

    By Jagran NewsEdited By: Rajesh Verma
    Updated: Sat, 19 Nov 2022 10:54 AM (IST)

    अल्मोड़ा में हवालबाग ताकुला द्वाराहाट चौखुटिया भिकियासैंण स्याल्दे सल्ट धौलादेवी भैसियाछाना व ताड़ीखेत में लंबे समय से बाल विकास परियोजना अधिकारियों क ...और पढ़ें

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    सुपरवाइजरों के भी कुल सृजित पदों में से 10 पद खाली चल रहे हैं।

    अल्मोड़ा, संवाद सहयोगी : बाल विकास विभाग का हाल बुरा है। हालत यह है कि 11 विकास खंडों वाले जिले में 10 विकास खंडों में बाल विकास परियोजनाधिकारियों (CDPO) की कुर्सी खाली है। वहीं सुपरवाइजरों के भी 10 पद लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं। इसके साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों व मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यकर्तियों व सहायिकाओं के लगभग 35 पदों का टोटा बना है।

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    केवल लमगड़ा में तैनात है बाल विकास अधिकारी

    जनपद में तीन से छह साल तक के बच्चों को प्री-प्राथमिक शिक्षा देने के लिए जिले में 1860 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनके बेहतर तरीके से संचालन के लिए संसाधनों की कमी बनी है। हवालबाग, ताकुला, द्वाराहाट, चौखुटिया, भिकियासैंण, स्याल्दे, सल्ट, धौलादेवी, भैसियाछाना व ताड़ीखेत में लंबे समय से बाल विकास परियोजना अधिकारियों के पद खाली है। इन पदों के रिक्त होने से ब्लाकों में आहरण-वितरण संबंधी परेशानियां आ रही हैं। वहीं बाल विकास से संबंधित कार्यों के संचालन पर असर पड़ रहा है। एक मात्र ब्लाक लमगड़ा में ही बाल विकास परियोजना अधिकारी तैनात हैं।

    सुपरवाइजरों के पद भी खाली

    यही हाल सुपरवाइजरों का भी है। कुल सृजित पदों में से 10 पद खाली चल रहे हैं। भैसियाछाना ब्लाक में तो एक भी सुपरवाइजर नहीं है। यहां हवालबाग के सुपरवाइजर को अतिरिक्त कार्य सौंपकर जैसे तैसे व्यवस्था चलाई जा रही है। वहीं धौलादेवी, स्याल्दे, सल्ट, ताड़ीखेत व द्वाराहाट में भी पदों की कमी से तमाम कार्य प्रभावित हो रहे हैं। वहीं आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यकर्तियों व सहायिकाओं के भी लगभग 35 पद खाली पड़े हैं। ऐसे में कई केंद्रों में नौनिहालों को प्री-प्राथमिक शिक्षा का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

    जल्द हस्तांतरित होंगे निर्माणाधीन केंद्र

    विभिन्न विकास खंडों में 200 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण ग्राम्य विकास विभाग की ओर से किया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष में इन केंद्रों का निर्माण कार्य पूरा होने की आशा है। इन केंद्रों के निर्माण कार्य के बाद लंबे समय से किराए के भवनों में सीमित स्थान पर चल रहे केंद्रों के नौनिहालों को राहत मिल सकेगी।

    विभाग व शासन नौनिहालों के बेहतर भविष्य के लिए प्रयासरत है। उनके हित में अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। बाल विकास परियोजनाधिकारी के रिक्त पदों से दिक्कतें हो रही हैं। रिक्त पदों की सूची शासन व निदेशालय को भेजी गई है।

    - पीतांबर प्रसाद, जिला कार्यक्रम अधिकारी