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    Almora News: सरकारें बदलीं, नहीं सुधर पाई अल्मोड़ा की पेयजल व्यवस्था; लोगों को अभी भी है उम्मीद

    By dk joshi Edited By: Swati Singh
    Updated: Tue, 02 Apr 2024 03:53 PM (IST)

    Almora अल्मोड़ा के लोगों के लिए सबसे पहली पेयजल योजना 1926 में बल्ढौटी गधेरे से बनी। इस योजना के संरक्षण व संवर्धन के लिए पर्याप्त ध्यान नहीं दिए जाने से इससे लोगों को पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं हो पाया। इसके बाद 1932 में स्याहीदेवी से गुरुत्व पर आधारित पेयजल योजना का निर्माण किया गया। उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

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    कोसी स्थित पंप हाउस जहां से अल्मोडा व आसपास के क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की जाती है। जागरण

    संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा। उत्तराखंड गठन के बाद से राज्य में चार सरकारें अपना शासन चला चुकी हैं। वहीं पांचवीं सरकार का शासनकाल चल रहा है। वहीं कुमाऊं के सर्वाधिक प्राचीन जिले में पेयजल व्यवस्था नहीं सुधर पाई है। जिला मुख्यालय व इसके आसपास की 25 ग्राम पंचायतों की 1.10 लाख की आबादी को उनकी आवश्यकता के अनुसार पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।

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    16 एमएलडी मांग के सापेक्ष मात्र 13.50 एमएलडी पेयजल की ही आपूर्ति वर्तमान में हो पा रही है। ऐसे में उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राज्य गठन के बाद लोगों को उम्मीद थी कि जिला मुख्यालय व आसपास के क्षेत्रों की पेयजल व्यवस्था में सुधार होगा। वहीं 23 सालों बाद भी पेयजल व्यवस्था में सुधार नहीं हो पाया है।

    अटक गई पेयजल योजना

    अल्मोड़ा के लोगों के लिए सबसे पहली पेयजल योजना 1926 में बल्ढौटी गधेरे से बनी। इस योजना के संरक्षण व संवर्धन के लिए पर्याप्त ध्यान नहीं दिए जाने से इससे लोगों को पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं हो पाया। इसके बाद 1932 में स्याहीदेवी से गुरुत्व पर आधारित पेयजल योजना का निर्माण किया गया। बाद में अल्मोड़ा व इसके आसपास के क्षेत्रों की बसासत बढ़ने पर वर्ष 1952 में कोसी-मटेला-अल्मोड़ा पेयजल योजना का निर्माण किया गया। योजना पुरानी होने के कारण इसकी पेयजल लाइन खस्ताहाल है।

    हर तीन-चार माह में पेयजल योजना की पाइप लाइन फट जाने से उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। विभिन्न जन संगठन अल्मोड़ा व इसके आसपास के क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को उनकी जरूरत के अनुसार पेयजल आपूर्ति के लिए दीर्घकालिक योजना तैयार करन की मांग उठा रहे हैं। इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी है।

    20 करोड़ से हो रहा खत्याड़ी पेयजल योजना का निर्माण

    खत्याड़ी समेत आसपास की 12 ग्राम पंचायतों की पेयजल समस्या को दूर करने के लिए कपिलेश्वर- खत्याड़ी पेयजल योजना का निर्माण किया जा रहा है। इस योजना का कार्य पूरा हो जाने के बाद ग्रामीणों को राहत मिल सकेगी।

    अधिकारी ने कही ये बात

    उपभोक्ताओं को उनकी जरूरत के अनुसार पेयजल उपलब्ध हो इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। ग्रीष्मकाल में उपभोक्ताओं को पेयजल की परेशानी नहीं हो इसके लिए अतिरिक्त टैंकरों की व्यवस्था की जा रही है। - एके सोनी, अधिशासी अभियंता, जल संस्थान

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