बारिश से पहाड़ में बेहतर होगा अदरक का उत्पादन
पहाड़ में अदरक के बीज की बोआई के कुछ ही अंतराल के बाद उसे बारिश की खुराक मिलने से बेहतर उत्पादन की उम्मीद जगी है। बारिश से बीज जल्द उगेगा और खेतों में पर्याप्त नमी से बढ़वार भी तेजी से होगी।

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : पहाड़ में अदरक के बीज की बोआई के कुछ ही अंतराल के बाद उसे बारिश की खुराक मिलने से बेहतर उत्पादन की उम्मीद जगी है। बारिश से बीज जल्द उगेगा और खेतों में पर्याप्त नमी से बढ़वार भी तेजी से होगी। जिले में अदरक की खेती का कुल रकबा 319 हेक्टेयर है।
इस बार जिले के सभी 11 विकास खंडों के ग्रामीण क्षेत्रों में काश्तकारों ने करीब 1560 क्विटल अदरक का बीज लगाया है। काश्तकारों की ओर से तैयार बीज के अलावा उद्यान विभाग ने भी काश्तकारों को सब्सिडी पर अदरक का बीज उपलब्ध कराया। इस फसल की विशेषता यह है कि इसे जंगली जानवर नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
जंगली जानवरों से फसलों को हो रहे नुकसान को देखते हुए काश्तकार अब अदरक की खेती के प्रति रुचि दिखाने लगे हैं। इधर काश्तकारों ने 1000 क्विटल अदरक बीज 50 फीसद सब्सिडी पर खरीदा, वहीं 560 क्विटल बीज उन्होंने पहले से ही बचाकर रखा था। इस प्रकार काश्तकारों ने 11 विकास खंडों के ग्रामीण क्षेत्रों में 1560 क्विटल अदरक के बीज की बोआई की है। जिले में अदरक उत्पादक काश्तकारों की कुल संख्या 41,368 है। विकास खंड वार रकबा
विकास खंड क्षेत्रफल
ताकुला 23
हवालबाग 25
लमगड़ा 32
भैसियाछाना 37
धौलादेवी 28
द्वाराहाट 20
चौखुटिया 33
सल्ट 38
भिकियासैंण 34
स्याल्दे 19
ताड़ीखेत 30
(नोट : अदरक का क्षेत्रफल हेक्टेअर में है।) काश्तकारों के बेहतर हितों के लिए उद्यान विभाग सजग है। काश्तकारों को 50 फीसद सब्सिडी पर अदरक का बीज उपलब्ध कराया गया। इस बार अदरक की बोआई के कुछ अंतराल के बाद हुई बारिश अदरक के बेहतर उत्पादन के लिए सहायक होगी। काश्तकारों का अदरक की खेती के प्रति बढ़ता रुझान अच्छी पहल है। यह उनकी आर्थिकी बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।
- एसके शर्मा, मुख्य उद्यान अधिकारी, अल्मोड़ा
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।