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    परंपरागत ज्ञान और संस्कृति को बढ़ावा देने पर जोर

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 18 Apr 2022 06:49 PM (IST)

    एसएसजे विश्वविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार जारी है। इस मौके पर परंपरागत ज्ञान व संस्कृति को बढ़ावा देने का आह्वान किया गया।

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    परंपरागत ज्ञान और संस्कृति को बढ़ावा देने पर जोर

    संस, अल्मोड़ा : एसएसजे विश्वविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार जारी है। इस मौके पर परंपरागत ज्ञान व संस्कृति को बढ़ावा देने का आह्वान किया गया।

    मंगलवार को वनस्पति विज्ञान विभाग में प्रोस्पेक्टिव्स आफ प्लांट बेस्ड वैदिक एंड कल्चरल प्रैक्टिस आफ इंडियन हिमालयन रीजन इन ह्यूमन एंड एनवायर्नमेंटल हेल्थ सेमिनार में शोध पत्र प्रस्तुत किए। शोधार्थियों ने कोविड 19 में घरेलू उपचार की भूमिका, प्राकृतिक एवं घरेलू नुस्खे, परंपरागत ज्ञान, मेडिसिनल प्लांट आदि के बारे में बताया। वैज्ञानिक प्रो. जीवन सिंह रावत ने विद्यार्थियों से यहां के परंपरागत ज्ञान व संस्कृति को आगे ले जाने का आह्वान किया। प्रो. केसी जोशी ने कहा कि हिमालयी क्षेत्र चिकित्सकीय पौधों से समृद्ध है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. देवेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि वनस्पति विज्ञान विभाग ने वैदिक विज्ञान को सामने लाने का सराहनीय प्रयास किया है। प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने कहा कि हमारे लोकगीतों में भी पर्यावरण के संरक्षण, वनों के रोपण की बात की गई है। हमें इन पौधों के संरक्षण के लिए प्रयास करने होंगे। सेमिनार के संयोजक डा. बलवंत कुमार ने कहा प्राचीन वैदिक संस्कृति के अनुरूप विकसित किया जाएगा।

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    दो दिवसीय सेमिनार में 92 शोधार्थियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए। वही प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी दिए गए। सेमिनार में उत्कृष्ट प्रस्तुतिकरण के लिए जिसमें डा. उमंग को प्रथम, डा.आदित्य जोशी दितीय तथा प्राची जोशी एवं डा. विजय आर्या तीसरे स्थान पर रहे। पोस्टर प्रस्तुतिकरण में शोधार्थियों की अशोका टीम प्रथम, फिकेस बेंगलिसिस टीम द्वितीय, सीक्रेट प्लांट्स टीम तृतीय स्थान पर रही। कार्यक्रम का संचालन सेमिनार संयोजक डा. बलवंत कुमार ने किया। इस दौरान प्रो. रुबीना अमान, डा. मंजुलता उपाध्याय, डा. पारुल सक्सेना, डा. डीएस धामी, डा. मनीष त्रिपाठी, डा. रविन्द्र कुमार, प्रमोद भट्ट, नंदा बल्लभ सनवाल, रमेश चंद्र, सुनील कुमार, सतीश आदि मौजूद रहे।