Durga Puja 2022: अल्मोड़ा में पर्वतीय शैली में बनती हैं दुर्गा प्रतिमाएं, 10 स्थानों पर की जाती है स्थापित
Durga puja in almora अल्मोड़ा में मां दुर्गा की विभिन्न मुद्राओं में प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं। विशेषता यह है कि प्रतिमाएं बंगाल से इतर पर्वतीय शैली में बनाई जाती हैं। नवरात्र पर विभिन्न स्थानों पर दुर्गा पूजन से जिला मुख्यालय का वातावरण भक्तिमय बना रहता है।
डीके जोशी, अल्मोड़ा : Durga puja in Almora :उत्तराखंड के कुमाऊं की सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा भव्य व कलात्मक दुर्गा प्रतिमाओं के निर्माण के लिए भी विख्यात है। ये प्रतिमाएं आज भी उतनी ही भव्यता के साथ तैयार की जाती हैं, जितनी आज से 39 वर्ष पहले दुर्गा महोत्सव की शुरुआत होने पर बनती थीं। खास बात ये है कि ये प्रतिमाएं पर्वतीय शैली में बनाई जाती हैं। शहर में 10 जगहों पर होने वाले महोत्सव में मां की यही प्रतिमाएं आयोजन का आकर्षण बढ़ाती हैं।
1981 में हुई थी दुर्गा महोत्सव की शुरुआत
जिला मुख्यालय में सामूहिक तौर पर दुर्गा महोत्सव की शुरूआत गंगोला मोहल्ला में साल 1981 से शुरू हुई थी। वर्तमान में यहां एक-दो नहीं विभिन्न स्थानों पर 10 दुर्गा प्रतिमाएं बनाई जाती है। विशेषता यह है कि प्रतिमाएं बंगाल से इतर पर्वतीय शैली में बनाई जाती हैं। नवरात्र पर विभिन्न स्थानों पर दुर्गा पूजन से जिला मुख्यालय का वातावरण भक्तिमय बना रहता है। इस आयोजन में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक उत्साहपूर्वक भागीदारी करते हैं। नवरात्र के बाद दशमी तिथि को इन प्रतिमाओं की शोभा यात्रा को देखने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु यहां जुटते हैं।
इन जगहाें पर होता है आयोजन
हर साल आश्विन मास की शारदीय नवरात्र से नगर के गंगोला मोहल्ला, लाला बाजार, राजपुरा, ढूंगाधारा, पातालदेवी, लक्ष्मेश्वर, न्यू इंदिरा कॉलोनी खत्याड़ी, आफीसर्स कालोनी, चौघानपाटा व धारानौला में शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा की विभिन्न मुद्राओं में प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं। इनका निर्माण स्थानीय कलाकारों की ओर से एक से डेढ़ महीने पहले से शुरू कर दिया जाता है।
रंगकर्मी प्रभात साह तथा ध्रुव की भूमिका बड़ी
गंगोला मोहल्ला में पहले पहल इस पुनीत कार्य को शुरू करने के लिए रंगकर्मी प्रभात साह तथा ध्रुव तारा जोशी ने अग्रणी भूमिका निभाई। गंगोला मोहल्ला के बाद लाला बाजार में 1986 से लाला बाजार में दुर्गा महोत्सव शुरू हुआ। कलाकार रवि गोयल का कहना है कि वह पिछले 19 सालों से प्रतिमा का निर्माण कर रहे है। इस क्षेत्र में युवा पीढ़ी का रुझान बढ़ रहा है।