डिजिटल अरेस्ट से उत्तराखंड में 18.80 लाख की ठगी, साइबर ठग राजस्थान से गिरफ्तार
उत्तराखंड के अल्मोड़ा में एक बुजुर्ग डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 18.80 लाख रुपये की साइबर ठगी का शिकार हुए। पुलिस ने राजस्थान से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। ठगों ने क्राइम ब्रांच ऑफिसर बनकर बुजुर्ग को डराया और उनसे पैसे ऐंठ लिए। एसएसपी ने लोगों से सतर्क रहने और हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करने की अपील की है।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा। साइबर अपराध का शिकार बने देघाट क्षेत्र के एक बुजुर्ग से डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर 18 लाख 80 हजार रुपये की ठगी करने वाले एक शातिर ठग को पुलिस ने राजस्थान से गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई थाना देघाट और एसओजी अल्मोड़ा की संयुक्त टीम ने की।
मामला 5 सितंबर 2025 का है, जब देघाट निवासी गोपाल दत्त ने थाना देघाट में तहरीर दी कि एक अज्ञात व्यक्ति ने खुद को क्राइम ब्रांच ऑफिसर बताकर बैंक धोखाधड़ी में संलिप्त होने का डर दिखाया और 10 दिन तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट में रखकर 18 लाख 80 हजार रुपये ठग लिए। इस पर थाना देघाट में मुकदमा संख्या 18/2025 धारा 61(2)/308(5)/318(4) बीएनएस के तहत दर्ज किया गया।
एसएसपी देवेन्द्र पींचा ने थानाध्यक्ष अजेन्द्र प्रसाद के नेतृत्व में टीम गठित की गई। साइबर सेल प्रभारी राहुल राठी के सहयोग से टीम ने साक्ष्य एकत्र किए। संयुक्त प्रयासों से पुलिस ने 14 अक्टूबर को राजस्थान के सूरतगढ़ से आरोपी साहिल कुमार (24 वर्ष) पुत्र कृष्ण कुमार को गिरफ्तार किया।
ठगों ने बुजुर्ग को व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर खुद को क्राइम ब्रांच ऑफिसर बताकर डराया, मनी लांड्रिंग का आरोप लगाया और बैंक, एफडी व गहनों की जानकारी ली। धमकी से घबराए पीड़ित ने 27 और 29 अगस्त को 18.80 लाख रुपये ठगों के खाते में भेज दिए।
एसएसपी अल्मोड़ा ने जनमानस से अपील की है कि "डिजिटल अरेस्ट" जैसी कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं होती। ऐसे कॉल आने पर तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करें ताकि पुलिस समय रहते कार्रवाई कर सके।
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