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    मोबाइल कंपनी के कर्मचारी व डीलर पुलिस की रडार पर

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 04 Mar 2022 10:10 PM (IST)

    हाईटेक दौर में साइबर अपराध के तौर तरीके भी बदल गए हैं। खाताधारक को झांसे में ले गोपनीय जानकारी जुटाकर रकम निकालने में अभ्यस्त अपराधी अब न केवल फर्जी आधारकार्ड बल्कि उसकी आड़ में डमी सिम बनाकर खातों में सेंध लगाने लगे हैं।

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    मोबाइल कंपनी के कर्मचारी व डीलर पुलिस की रडार पर

    संस, रानीखेत : हाईटेक दौर में साइबर अपराध के तौर तरीके भी बदल गए हैं। खाताधारक को झांसे में ले गोपनीय जानकारी जुटाकर रकम निकालने में अभ्यस्त अपराधी अब न केवल फर्जी आधारकार्ड, बल्कि उसकी आड़ में डमी सिम बनाकर खातों में सेंध लगाने लगे हैं। द्वाराहाट के एक ग्रामीण के खाते से यही तरीका अपनाकर ठगों ने 12 लाख रुपये उड़ा लिए। हैरत की बात है कि मोबाइल सिम कंपनी के कर्मचारी व डीलर ने भी असल सिमधारक व ठग की फोटो का मिलान व अन्य पड़ताल किए बगैर साइबर अपराधियों को डुप्लीकेट सिम मुहैया करा दिया। इस मामले में पुलिस ने उत्तर प्रदेश से संचालित अंतरराज्यीय गिरोह के तीन शातिर ठगों को गिरफ्तार कर जांच तेज कर दी है। गिरोह के तार कहां व कितनों से जुड़े हैं, इसकी भी गहन तफ्तीश की जा रही है।

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    मामला बीते जनवरी का है। च्यालीगांव छानागोलू निवासी रमेश चंद्र पुत्र शिवदत्त के अनुसार 10 से 19 जनरवरी के बीच धोखाधड़ी से उसके खाते से 12 लाख रुपये निकाल लिए गए। द्वाराहाट थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। विवेचना कोतवाल राजेश यादव को दी गई। कमान सीओ ओशिन जोशी ने संभाली। उन्होंने साइबरसेल की मदद से पीडि़त के बैंक खाते व लिंक मोबाइल नंबर आदि की जांच की। पता लगा कि बड़े शातिराना अंदाज में खाताधारक का आनलाइन आधारकार्ड हासिल किया। फिर उसे झांसा दे मोबाइल सिम बदलवा लिया। ठगों ने संभल में आधारकार्ड से रमेश का फोटो भी बदला। एक मोबाइल कंपनी के रिटेल स्टोर में रमेश के फर्जी आधारकार्ड दिखा डुप्लीकेट सिम सिमैक्स के जरिये खरीद लिया। ताकि खाते से रुपये निकालने के लिए ओटीपी आसानी से मिल जाय। सीओ के अनुसार यूनोएप एसबीआई डाउनलोड कर पीडि़त रमेश के खाते से मोटी रकम निकाल ली गई।

    चार टीमें लगाई तो पहुंचे ठगों तक

    ठगों की धरपकड़ को एसओजी, रानीखेत व लमगड़ा थाने से चार टीमें गठित की गई। जांच में खुलासा हुआ कि आरोपित विशेष कुमार शर्मा निवासी पंचशील कालोनी (विष्णुविहार के पास) संभल मुरादाबाद ने पीडि़त रमेश की सहमति पर छह जनवरी को सिम बदल लिया। वहीं एक मोबाइल कंपनी में कार्यरत अमन कुमार पुत्र विजय निवासी गाजियाबाद गौतमबुद्ध नगर ने पीडि़त के मोबाइल नंबर के सिमैक्स को विधिवत चेक किए बगैर लापरवाही से पास कर दिया। कमीशन के लिए धीरज ने अपने खाते में मंगाई रकम

    एक अन्य आरोपित धीरज कुमार पुत्र विजयपाल निवासी धनौरा रोड अहरोला तेजवन गजरौला अमरोहा मुरादाबाद (दोनों उप्र) की बाब शाखा के खाते में रमेश के खाते से 6.75 लाख रुपये निकाल जमा किए गए। साइबर ठगी में रोबिन ठाकुर पुत्र फोनी ठाकुर निवासी पच्चीसफुटा रोड गौतमबुद्ध नगर नोएडा सेक्टर-63 (दिल्ली) भी लिप्त पाया गया। पुलिस ने विशेष शर्मा, धीरज कुमार व रोबिन ठाकुर को गिरफ्तार कर जांच तेज कर दी है।

    मोबाइल कंपनी के दो कर्मी व रिटेनर भी संदिग्ध

    कप्तान डा. मंजूनाथ टीसी के अनुसार साइबर ठगों के अंतरराज्यीय गिरोह ने जिस वारदात को अंजाम दिया है। उसमें एक मोबाइल कंपनी के दो कर्मी व एक रिटेनर की भूमिका भी संदिग्ध है। गिरोह में कुछ और लोग भी शामिल हैं। जांच तेज कर दी है।

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