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    Uttarakhand News: अल्मोड़ा पौधारोपण पर करोड़ों खर्च, लेकिन जंगल क्यों नहीं हुए हरे-भरे?

    Updated: Sat, 05 Jul 2025 03:19 PM (IST)

    Uttarakhand News अल्मोड़ा में वन विभाग द्वारा पौधारोपण पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद जंगल हरे-भरे नहीं हो पाए हैं। पिछले पांच वर्षों में 5.37 करोड़ रुपये की लागत से 13.86 लाख से अधिक पौधे लगाए गए लेकिन वनों में हरियाली नहीं दिखाई देती। अब पौधों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं और विभाग लगातार प्रयासरत है।

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    पौधाराेपण में करोड़ों खर्च करने के बाद भी हरे-भरे नहीं हुए जंगल। प्रतीकात्‍मक

    संवाद सहयोगी, जागरण अल्मोड़ा। धरा को हरा- भरा करने के लिए हर साल वन विभाग की ओर से लाखों की लागत से लाखों पौध रोपित किए जाते हैं। इसके बाद भी विभाग के विभिन्न रेंजों में सघन वन विकसित नहीं हो पाए हैं।

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    पिछले पांच सालों में करीब 5.37 करोड़ की लागत से विभिन्न प्रजातियों के 13.86 लाख से अधिक पौधे रोपित करने के बाद भी वनों में पर्याप्त हरीतिमा नहीं आ पाई है। अब पौधरोपण के बाद इन पौधों की सुरक्षा पर भी सवाल उठने लगे हैं।

    सिविल सोयम वन प्रभाग के लमगड़ा, चौबटिया, गणानाथ, कोसी, मृग विहार, बिनसर, जागेश्वर व कनारीछीना रेंजों में 3, 65,668 पौधे रोपित किए गए। इन पौधों को रोपण करने में 1,63,65, 032 रुपये खर्च किए गए।

    वहीं अल्मोड़ा वन प्रभाग के सोमेश्वर, अल्मोड़ा, जौरासी, द्वाराहाट, मोहान व रानीखेत वन रेंजों में 1019999 पौधे लगाए गए। इन पौधों को लगाने में करीब 37380792 रुपये खर्च हुए। इतने पेड़ लगाए जाने के बाद भी आखिर वह दिख नहीं रहे है। जिस तेजी से वन विभाग पौधरोपण कर रहा है उससे तो आज तक कई जंगल तैयार हो जाने चाहिए थे।

    सिविल सोयम वन प्रभाग की स्थिति

    • वर्ष, पौधे, खर्च धनराशि
    • 2020, 60,000, 3496800
    • 2021, 111000, 5070360
    • 2022, 144 088, 7867800
    • 2023, 33580, 2028144
    • 2024, 17000, 1049040

    अल्मोड़ा वन प्रभाग की स्थिति

    • वर्ष -पौधे -धनराशि
    • 2020, 361342, 12133896
    • 2021, 139000, 4895520
    • 2022, 252280, 8776968
    • 2023, 243350, 9301488
    • 2024, 24027, 2272920

    वनों के संरक्षण व संवर्धन के लिए वन विभाग लगातार प्रयासरत है। जिसके लिए रेंज अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। जंगलों के संरक्षण के लिए ग्रामीणों का सहयोग अपेक्षित है। - ध्रुव सिंह मर्तोलिया, प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी, अल्मोड़ा