अब क्वारब पहाड़ी से गिरते मलबे को रोकेगी ‘बर्म तकनीक’, नशनल हाईवे खंड ने 3 दिन में रास्ता सुचारू करने का किया दावा
अल्मोड़ा के क्वारब क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग-109 पर पहाड़ी से बार-बार गिरने वाले मलबे को रोकने के लिए बर्म तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इस तकनीक में पहाड़ी पर सीढ़ीनुमा मेड़ें बनाई जाएंगी जिससे बारिश का पानी धीरे-धीरे बहेगा और मलबा मेड़ों में फंस जाएगा। अधिकारियों का लक्ष्य है कि तीन दिन में काम पूरा हो जाए।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा । राष्ट्रीय राजमार्ग-109 पर क्वारब क्षेत्र की पहाड़ी एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार कारण राहत देने वाला है। क्वारब पहाड़ी से बार-बार गिरने वाले मलबे को रोकना पारंपरिक तरीकों से चुनौतीपूर्ण था। अब ‘बर्म तकनीक’ का सहारा लिया जा रहा है, जो खेत की मेड़ जैसी संरचना बनाकर मलबे को थामने का काम करेगी।
राष्ट्रीय राजमार्ग खंड रानीखेत के अधिशासी अभियंता अशोक कुमार ने बताया कि बर्म तकनीक के तहत पहाड़ी पर अलग-अलग स्तर पर सीढ़ीनुमा मेड़ें बनाई जाएंगी।
इससे बारिश के समय बहकर आने वाला पानी सीधे सड़क पर न आकर धीरे-धीरे नीचे की ओर बहेगा और मिट्टी व पत्थर मेड़ों में फंस जाएंगे। यह न केवल पहाड़ी से मलबा गिरने की रफ्तार को कम करेगा बल्कि सड़क को बार-बार बंद होने से भी बचाएगा।
तीन दिन के भीतर पूरा करने का लक्ष्य
अधिकारियों ने बताया कि कार्य तीन दिन के भीतर पूरा करने का लक्ष्य है। इसके बाद मार्ग पर यातायात बिना रुकावट के संचालित हो सकेगा। अभी तक क्वारब क्षेत्र में हर बरसात के दौरान घंटों तक यातायात बाधित रहता था, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों को परेशानी उठानी पड़ती थी।
सड़क तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि बर्म तकनीक पर्वतीय क्षेत्रों में मलबा नियंत्रण की टिकाऊ और किफायती विधि है। यदि यह प्रयोग सफल रहता है तो इसे अन्य संवेदनशील मार्गों पर भी लागू किया जा सकता है। क्वारब की चुनौतीपूर्ण पहाड़ी पर यह पहल सड़क सुरक्षा की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। करीब एक साल से जवारब की पहाड़ी से लगातार मलबा गिर रहा है।
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