Almora News: नौगांव-ताल के पास बरसाती झील में डूबी बोलेरो, चार लोगों की जान बची, भारी बारिश से बढ़ा झील का जलस्तर
नौगांव-ताल के पास भारी बारिश के कारण तड़ागताल झील में पानी भरने से एक बोलेरो डूब गई। बोलेरो में सवार चार लोग बाल-बाल बचे। सड़क जलमग्न होने से आस-पास के गांवों का संपर्क टूट गया है और यातायात बाधित हो गया है। ग्रामीण जंगल के रास्ते पैदल चलने को मजबूर हैं। झील का जलस्तर बढ़ने से मकानों को खतरा है।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा। लगातार वर्षा के चलते ब्लाक का पौराणिक बरसाती झील तड़ागताल लबालब पानी से भर आया है। तड़ागेश्वर मंदिर परिसर में बना एक नया मंदिर व पंचायत भवन पानी में डूब गए हैं। झील का जलस्तर बढ़ने से नौगांव के पास ताल-बसरखेत मोटर मार्ग का एक बड़ा किस्सा जलमग्न हो गया है।
बीते देर रात ताल के नौगांव के पास झील का जलस्तर सड़कतक पहुंच जाने से चौखुटिया को आ रहा बोलेरो पानी में डूब गया। सौभाग्य से उसमें सवार चार लोगों ने सुरक्षित बाहर निकल करकिसी तरह अपनी जान बचा ली। अन्यथा बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। सूचना पर पुलिस बल व 108 सेवा मौके पर पहुंच गई, लेकिन तक तक चारों लोग बाहर निकल आए।
वाकया मंगलवार की रात करीब साढ़े दस बजे की है। बताया गया है कि ब्लाक के हाट कवाधार से चार लोग बोलेरो संख्या यूके 01-टीए-2677 में सवार होकर ताल के पैली गांव में पूजा के लिए गए थे। देर रात वापस लौटते समय बरसाती झील का जलस्तर बढ़ जाने से नौगांव के पास सड़क भी पानी में समा गया।
जैसे ही चालक ने वाहन आगे बढ़ाया तो संतुलन बिगड़ जाने से बोलेरो पानी में डूब गया। चालक बहादुर सिंह मेहरा समेत वाहन में सवार नंद राम, चंदन कुमार व मोहन सिंह वाहन के अंदर फंस गए, जो किसी तरह सुरक्षित बाहर निकल आए तथा अपनी जान बचा ली।
धीरे धीरे वाहन गहरे पानी में डूब गया तथा सुबह तक कहीं नजर नहीं आया। बुधवार को लोडर मशीन से वाहन को निकाला जा रहा है। रात को चारों लोग दूसरे वाहन से अपने घर-गांव पहुंचे।
सड़क जलमग्न होने से यातायात बाधित, गांवों का संपर्क कटा
तड़ागताल बरसाती झील का जलस्तर बढ़ने से नौगांव के पास सड़क का करीब दो सौ मीटर हिस्सा पानी में समा जाने से वाहनों के साथ पैदल आवाजाही बाधित हो गई है। इससे बसरखेत व पैली समेत आसपास के गांवों का संपर्क टूट गया है। ग्रामीण सिर पर सामान रखकर कई किमी पैदल चलकर जंगल के रास्ते गांव पहुंच रहे हैं।
बुधवार को बाहर से आने वाले लोग काफी परेशान देखे गए तथा उन्हें मीलों की दूरी पैदल ही नापनी पड़ रही है। झील का जलस्तर बढ़ने से कई मकानों को भी खतरा बना है।
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