भिकियासैंण में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर उबाल,राज्य स्थापना की रजत जयंती पर जनता उतरी सड़कों पर
अल्मोड़ा जिले के भिकियासैंण में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया। 'स्वास्थ्य सुविधा दो, नहीं तो कुर्सी छोड़ो' के नारे लगाते हुए, प्रदर्शनकारियों ने डॉक्टरों की कमी और जर्जर मशीनों पर नाराजगी व्यक्त की। प्रशासन द्वारा रोके जाने पर वे रामलीला मैदान में धरने पर बैठ गए और सेवाओं में सुधार की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि मांगें पूरी न होने पर आंदोलन तेज किया जाएगा।

सरकार के खिलाफ नारेबाजी, रामलीला मैदान में धरना। जागरण
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा। जहां एक ओर उत्तराखण्ड राज्य अपनी स्थापना की रजत जयंती मना रहा है, वहीं दूसरी ओर राज्य के ग्रामीण इलाकों में मूलभूत सुविधाओं की कमी लोगों के गुस्से का कारण बन रही है। लोगों ने स्वास्थ्य सुविधा दो, नहीं तो कुर्सी छोड़ो के नारे लगाते हुए उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।
रविवार को भिकियासैंण में चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को लेकर स्थानीय लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कुसुम लता बोडाई, संजय बंगारी, भावेष बिष्ट, मिथलेश बिष्ट, नीरज प्रधान, रजत, संजय प्रधान, हरीश पुजारी, नन्दन रावत, नितिन, राहुल और अर्जून भण्डारी सहित बड़ी संख्या में लोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुंचे। आंदोलनकारियों का कहना था कि क्षेत्र में डॉक्टरों की भारी कमी है, मशीनें जर्जर हालत में हैं और मरीजों को बुनियादी उपचार के लिए भी दूरदराज जाना पड़ता है।
मौके पर पहले से मौजूद भारी पुलिस बल और तहसीलदार रवि शाह ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए स्वास्थ्य केंद्र परिसर में धरना देने से रोक दिया। प्रशासन और आंदोलनकारियों के बीच काफी देर तक बहस चली, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने रामलीला मैदान की ओर कूच किया।
जुलूस के रूप में निकले लोगों ने “स्वास्थ्य सुविधा दो, नहीं तो कुर्सी छोड़ो” जैसे नारे लगाए और राज्य सरकार की उपेक्षा पर तीखा विरोध दर्ज किया। अंततः सभी प्रदर्शनकारी रामलीला मैदान में धरने पर बैठ गए और चेतावनी दी कि यदि जल्द ही स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।

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