फौजियों व युवाओं के मन को छू गए अमित शाह
अल्मोड़ा में अपने भाषण के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कई पहलुओं को छुआ। उनके भाषण में फौजियों और युवाओं के लिए काफी कुछ था।
अल्मोड़ा, [दीप सिंह बोरा]: सियासी प्रबंधन में माहिर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का अंदाज देहरादून से जुदा नजर आया। करीब 24 मिनट का भाषण। शुरुआत 'भारत माता की जय' से। कुमाऊं रेजिमेंट की आराध्य देवी मां कालिका का नमन कर फौजियों के करीब आए तो लोक देवता गोलज्यू को प्रणाम कर आमजनमानस में पैठ बनाने की जुगत भी।
अल्मोड़ा को देश का सबसे खूबसूरत शहर बताते हुए भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत व पूर्व पर्वतीय विकास मंत्री स्व. सोबन सिंह जीना को याद कर पहाड़ वालों का दिल जीतने का पूरा प्रयास। भ्रष्टाचार पर करारी चोट तो समृद्ध उत्तराखंड के निर्माण को 'परिवर्तन' का जिम्मा युवा कार्यकर्ताओं को सौंपा।
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मोदी सरकार के कुशल रणनीतिकार अमित शाह की लय बीती 13 नवंबर को राजधानी में हुई परिवर्तन रैली से हटकर दिखी। पार्टी काडर में नया जोश भरा तो पहाड़ वालों को भाजपा खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जोड़ने की कोशिश।
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अल्मोड़ा को मां कालिका व गोलज्यू की धरती कह कर वर्तमान व पूर्व फौजियों के साथ ही क्षेत्रीय लोगों को भावनात्मक रूप से कैश भी कर गये। खास बात कि मोदी के अंदाज में शाह ने उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार को लेकर सवाल किये और पूछा कि अब भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड के लिये रावत सरकार को उखाड़ फेंकना चाहिये कि नहीं। क्या 'पहाड़ की जवानी और पानी' पहाड़ के काम नहीं आना चाहिये। विकसित हिमालयी राज्य, रोजगार, भय मुक्त प्रदेश चाहिये या नहीं। तो इसके लिये भाजपा का उत्तराखंड में जीतना जरूरी है या नहीं।
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इन सभी सवालों के जवाब 'हां' में मिले, तो शाह समेत पूर्व मुख्यमंत्रियों व पार्टी के प्रदेश व राष्ट्रीय नेताओं का जोश भी बढ़ गया। अहम पहलू यह कि सभा स्थल से बाहर बड़ी संख्या में बैठा युवा वर्ग भी शाह के सवालों पर न केवल सहमत नजर आया बल्कि अमित शाह से प्रभावित भी दिखे। शाह ने भाषण का समापन भारत माता के वंदन एवं 'वंदेमातरम्' से किया।
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