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    Almora News: राष्ट्रीय खेल की मेजबानी करने वाले जिले में खेल संसाधनों की कमी, खिलाड़ियों को परेशानी

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 07:00 AM (IST)

    अल्मोड़ा जिला राष्ट्रीय खेल की मेजबानी के बावजूद खेल संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। नियमित प्रशिक्षकों का अभाव और कई स्कूलों में खेल मैदान नहीं हैं। संविदा प्रशिक्षकों को महीनों से मानदेय नहीं मिला है जिससे खिलाड़ियों को प्रशिक्षण में बाधा आ रही है। खेल प्रेमियों ने खेल संसाधनों को बढ़ाने की मांग की है ताकि युवाओं को बेहतर अवसर मिल सकें।

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    राष्ट्रीय खेल की मेजबानी करने वाले जिले में खेल संसाधनों की कमी, परेशानी

    डीके जोशी, अल्मोड़ा।  इसी वर्ष जनवरी- फरवरी में राष्ट्रीय खेल के तहत योगा स्पर्धा की मेजबानी करने वाला अल्मोड़ा जिला खेल संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। कहीं नियमित प्रशिक्षकों का अभाव है तो कहीं स्कूलों में खेल मैदान ही नहीं हैं। वहीं वर्षों बाद भी पहाड़ में हाकी का टर्फ तक नहीं बन पाया है। ऐसे में पहाड़ की खेल प्रतिभाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं स्टेडियम में तैनात संविदा खेल प्रशिक्षकों को पिछले तीन महीने का मानदेय ही अब तक नहीं मिल पाया है।

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    वर्षों बाद भी जिले में खेल संसाधनों का विकास नहीं हो पाया है। खेल विभाग में 13 खेल अब भी संविदा खेल प्रशिक्षकों के भरोसे हैं। वह भी केवल 10 माह के लिए ही नियुक्त होते हैं। बाकी दो महीने खिलाड़ियों को बिना खेल प्रशिक्षकों के ही रहना पड़ता है।

    इन दो महीने खिलाड़ियों को प्रशिक्षण नहीं मिल पाता है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी खेल गतिविधियां ठप रहती हैं। वहीं 260 हाईस्कूल व इंटर कालेजों में से 180 स्कूलों में मानकों के अनुसार खेल मैदान ही नहीं है। जिन स्कूलों में खेल मैदान हैं, वहां खेल उपकरण जीर्ण- क्षीर्ण स्थिति में है। इन स्कूलों में खेलों के प्रशिक्षण के लिए 80 प्रशिक्षकों की कमी बनी हुई है।

    पहाड़ में हाकी का टर्फ नहीं होने से खिलाड़ियों की समस्या बढ़ रही है। इसकी स्थापना के लिए कारगर उपाय किए जाने की आवश्यकता है।

    - दीपक वर्मा, सचिव इंडोर हाकी एसोसिएशन, उत्तराखंड

    जनपद में खेल संसाधन बढ़ाने की आवश्यकता है। जिससे नगर व ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाड़ियों को अधिकाधिक लाभ मिल सके।

    - पंकज टम्टा, सचिव जिला हाकी एसोसिएशन

    खेलों के उन्नयन के लिए स्कूलों में भी प्रशिक्षकों का होना जरूरी है। इसलिए जिन स्कूलों में खेल प्रशिक्षक नहीं हैं। वहां खेल प्रशिक्षक तैनात किए जाने चाहिए।

    - करिश्मा भंडारी, कोच

    खेलों के विकास के लिए प्राथमिक से लेकर इंटर कालेजों में खेल मैदानों की स्थापना की जानी चाहिए। इससे छात्र- छात्राएं पढ़ाई के साथ ही खेलों की जानकारी भी प्राप्त कर सकेंगे।

    - बलवंत दानू, खिलाड़ी

    जिन स्कूलों में खेल उपकरण नहीं हैं, वहां जल्द से जल्द खेल उपकरण उपलब्ध कराने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। जिससे सभी छात्र-छात्राओं को खेलों की जानकारी हो सके।

    - रितिक राज, खिलाड़ी

    शिक्षा के साथ ही खेलों का अत्यधिक महत्व है। सभी खेलों के विकास को आवश्यक संसाधन व प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जानी चाहिए।

    - करन बिष्ट, खिलाड़ी

    खेलों के विकास के लिए केंद्र व राज्य सरकार लगातार प्रयत्नशील है। सरकार की ओर से खिलाड़ियों के हित में कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। जिसका लाभ खिलाड़ियों को मिल रहा है।

    -अरुण बनग्याल, उपक्रीड़ा अधिकारी, अल्मोड़ा