Almora News: पुलिस के जागरूकता अभियान पर भारी पड़ रही साइबर ठगों की चाल, इस खतरे से जागरूकता ही बचाव
अल्मोड़ा में साइबर अपराध बढ़ रहा है जहाँ ठग नए तरीकों से लोगों को निशाना बना रहे हैं। पुलिस जागरूकता अभियान चला रही है फिर भी लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। अपराधी अपराध में फंसाने का डर दिखाकर पैसे हड़प रहे हैं। पुलिस के अनुसार जागरूकता और सतर्कता ही बचाव का मुख्य उपाय है और किसी भी संदिग्ध कॉल पर तुरंत पुलिस से संपर्क करना चाहिए।

संतोष बिष्ट, अल्मोड़ा। डिजिटल युग में साइबर अपराध का जाल लगातार फैल रहा है। मैदानी क्षेत्रों के साथ ही पहाड़ के लोग अब साइबर ठगों के निशाने पर हैं।
साइबर ठगी से बचाव के लिए जनपद पुलिस साइबर सेक्योरिटी अवेयरनेस ड्राइव चल रही है, पर पुलिस के इस अभियान पर साइबर ठगो की चाल भारी पड़ रही है। कभी अपराध में फंसाने कभी दुष्कर्म मामले और कभी मनी लान्ड्रिंग में फंसे होने का भय दिखा साइबर ठग पहाड़ के लोगों की जमा पूंजी को हड़प रहे हैं।
साइबर ठगी से बचाव के लिए अल्मोड़ा पुलिस लगातार अभियान चलाए जाने का दावा कर रही है। पुलिस ने साइबर सिक्योरिटी अवेयरनेस ड्राइव भी शुरू किया है। जिससे की लोगों को ठगों के जाल में फंसने से बचाया जा सके, लेकिन ठग नए-नए तरीके से लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं।
साइबर ठग लोगों रेकी कर पूरी जानकारी प्राप्त कर स्वजन को जाल में फंसाने में कामयाब हो रहे हैं। बीते एक माह के भीतर ही जनपद के अलग-अलग थानों में 15 से अधिक मुकदमे दर्ज किए हुए हैं। जिनमें ठगों ने लोगों को लाखों की चपत लगाई है।
इस साल 462 शिकायतें हो चुकी हैं दर्ज
जिले में इस बार अब तक साइबर ठगी की 462 शिकायतें दर्ज हो चुकी है। जबकि साल 2021 में 261, 2023 में 571 और 2024 में 891 शिकायतें दर्ज हुई थी। इस बार 462 शिकायतों में पुलिस ने 35,99,443 की धनराशि ठगों से वापस दिलाई है।
सतर्कता ही बचाव
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यदि कभी किसी अंजान नंबर से फोन कर किसी स्वजन के अपराध में फंसे होने, परेशानी में होने या कोई की बात करता हैं, तो सबसे पहले व्यक्ति को उससे संपर्क करना चाहिए, जो अंजान नंबर से काल कर नाम ले रहा है।
इससे स्थिति साफ हो जाएगी कि स्वजन किसी परिस्थिति में फंसा है या नहीं। जिससे की साइबर ठगी से बचा जा सके। अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा साइबर ठग खुद को पुलिस अधिकारी बता कर फोन कर डिजिटल अरेस्ट कर रहे हैं, लेकिन डिजिटल अरेस्ट कुछ नहीं होता है। जागरूकता ठगों के जाल में आने से बचा जा सकता है।
जागरूकता ही साइबर अपराध से बचाव का मुख्य तरीका है, लोगों को किसी भी अंजान नंबर से आए काल से यदि कालर डराने की कोशिश करता है। तो लोगों को बिल्कुल भी नहीं डरना चाहिए। तुंरत पुलिस से संपर्क करना चाहिए। पुलिस लगातार लोगों को ठगों के जाल में फंसने से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चला रही है।
-राहुल राठी, प्रभारी साइबर सेल अल्मोड़ा।
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