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    उत्तराखंड के इस जिले में भाजपा का संगठनात्मक फेरबदल, नेताओं को मिली बड़ी जिम्मेदारी

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 11:01 PM (IST)

    भाजपा ने आगामी चुनावों के मद्देनजर संगठन को मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं। कुंदन लटवाल और गोविंद पिलख्वाल को बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों का प्रभारी बनाया गया है वहीं गौरव पांडे को रानीखेत का सह प्रभारी नियुक्त किया गया है। इन नियुक्तियों के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं क्योंकि ये नेता पहले विधायक पद के लिए दावेदार थे।

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    संगठन के जरिए अभी से सियासी समीकरण भी साधने में जुटी भाजपा

    जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा। आगामी चुनावी समर से पहले भाजपा ने अपने संगठन को नई धार देने की कवायद तेज कर दी है। इसी कड़ी में पार्टी ने संगठनात्मक जिलों में प्रभारी और सह प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं। जिन दिग्गजों को काे संगठन में जगह नहीं मिली उन्हें अब प्रभारी बनाकर उनका कद बढ़ाने का प्रयास किया गया है।

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    जिले के दो नेताओं कुंदन लटवाल और गोविंद पिलख्वाल को जिलों का प्रभारी बनाया गया है। उनके प्रभारी बनने के कई सियासी समीकरण भी निकाले जाने लगे हैं।

    भाजयुमो के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ललित लटवाल को बागेश्वर जिले की कमान सौंपी गई है। संगठन में लंबे अनुभव और युवाओं से सीधा जुड़ाव रखने वाले लटवाल की नियुक्ति को रणनीतिक कदम माना जा रहा है। वहीं, पूर्व दर्जाधारी गोविंद पिलख्वाल को पिथौरागढ़ जिले का प्रभारी बनाया गया है।

    पिलख्वाल की छवि संगठन में जुझारू कार्यकर्ता की रही है और सीमांत जिले में उनकी पकड़ को भाजपा भुनाना चाहती है। इसी क्रम में प्रदेश मंत्री गौरव पांडे को रानीखेत जिले का सह प्रभारी बनाया गया है। युवा चेहरा और संगठनात्मक सक्रियता के लिए पहचाने जाने वाले पांडे की एंट्री से स्थानीय इकाई में संतुलन साधने की कोशिश की गई है।

    दोनों नेताओं कुंदन लटवाल और गोविंद पिलख्वाल के प्रभारी बनाए जाने के बाद सियासी हलचल भी तेज हो गई है। असल में यह दोनों नेता अल्मोड़ा विधानसभा से विधायक पद के लिए दावेदारी भी कर चुके हैं।

    वहीं, गौरव पांडे भी जागेश्वर विधानसभा से विधायक पद के लिए दावेदारी कर चुके है। डेढ़ वर्ष बाद विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में इन नेताओं को इनकी विधानसभा से दूर भेजने के कई निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। वहीं भजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पार्टी का उद्देश्य जिलों में संगठन को मजबूत करना और बूथ स्तर तक सक्रियता बढ़ाना है।