बेटे के बनाए पुतले की तारीफ करने के बाद पिता ने त्यागे प्राण, वरिष्ठ कलाकार दशरथ लाल गुप्ता का निधन
अल्मोड़ा में दशहरे की शाम पुतला निर्माण से जुड़े कलाकार दशरथ लाल गुप्ता का निधन हो गया। उन्होंने बेटे हिमांशु द्वारा निर्मित अक्षय कुमार के पुतले की प्रशंसा की और कहा कि ऐसा पुतला पहले कभी नहीं बना। 1984 से दशहरा महोत्सव से जुड़े दशरथ लाल ने पुतला निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाई। उनके निधन से क्षेत्र में शोक की लहर है।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा। दशहरे की शाम अल्मोड़ा की पुतला निर्माण परंपरा से जुड़े वरिष्ठ कलाकार और व्यापारी दशरथ लाल गुप्ता का 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहे गुप्ता ने जीवन के अंतिम क्षणों में भी दशहरा और पुतला निर्माण के प्रति अपनी अटूट आस्था दिखाई।
बीते गुरुवार को पुतले को जब जुलूस के लिए उनके घर से ले जाया जा रहा था। तब उन्होंने अपने बेटे हिमांशु के बनाए पुतले अक्षय कुमार को देखा और तारीफ कर कहा इस वर्ष जैस पुतला अल्मोड़ा में पहले कभी नहीं बना और इसके बाद शाम करीब चार बजे उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए।
दशरथ लाल गुप्ता 1984 से अल्मोड़ा के दशहरा महोत्सव और पुतला निर्माण से जुड़े रहे। दो वर्ष पहले तक वे स्वयं सक्रिय रूप से पुतलों के निर्माण में भाग लेते और अक्षय कुमार के पुतले को स्टेडियम तक ले जाया करते थे। इस बार दशहरे से एक दिन पहले उन्होंने अपने बेटे हिमांशु गुप्ता द्वारा बनाए गए पुतले की प्रशंसा करते हुए कहा था इस वर्ष का अक्षय कुमार जैसा पुतला अल्मोड़ा में पहले कभी नहीं बना।”
हिमांशु गुप्ता पिछले 14 वर्षों से अक्षय कुमार के पुतले का निर्माण कर रहे हैं। पिता के प्रोत्साहन से ही उन्होंने यह परंपरा आगे बढ़ाई। पिता की अचानक हुई मृत्यु से परिवार और अल्मोड़ा की पुतला निर्माण कला को गहरी क्षति हुई है। हिमांशु भावुक होकर कहते हैं “दशहरा उनका सबसे प्रिय त्योहार था। उनका जाना केवल हमारे परिवार ही नहीं, बल्कि पूरे अल्मोड़ा की सांस्कृतिक परंपरा की अपूरणीय क्षति है।”
परंपरा के ध्वजवाहक रहे दशरथ लाल गुप्ता ने जाते-जाते भी बेटे की कला को आशीर्वाद दिया और अल्मोड़ा की दशहरा परंपरा में अपनी अमिट छाप छोड़ गए। उनके निधन पर पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। दशहरा कमेटी सहित कलाकारों ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
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