महिला दोस्त, फर्जी रिश्तेदार और नकली बैंक अफसर बन की 8.49 लाख की साइबर ठगी
अल्मोड़ा में साइबर ठगी के मामले बढ़ रहे हैं जहाँ ठग विभिन्न तरीकों से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। हाल ही में तीन लोगों को 8.49 लाख रुपये का चूना लगाया गया। पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा। पुलिस महानिरीक्षक रिद्धिम अग्रवाल के एक्शन के बाद जिले की पुलिस भी सक्रिय हो गई है। एक के बाद एक मामले सामने आने लगे हैं। जिले में साइबर ठगों की गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही हैं।
कभी महिला बनकर दोस्ती करने, तो कभी रिश्तेदार बनकर मदद मांगने और बैंक अधिकारी बनकर ऐप डाउनलोड कराने के नाम पर ठग लोगों को चूना लगा रहे हैं।
बीते दिनों अलग-अलग मामलों में अल्मोड़ा जनपद के तीन लोगों से ठगों ने कुल 8.49 लाख रुपये हड़प लिए। पीड़ितों ने पुलिस और साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है।
महिला से दोस्ती पड़ी भारी
सल्ट क्षेत्र के ग्राम सैणमानुर (मंगरो) निवासी जगत सिंह ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि मोबाइल पर एक महिला से उनकी पहचान हुई थी। महिला ने खुद को माता-पिता की मैरिज एनिवर्सरी का हवाला देकर उन्हें पार्सल भेजने की बात कही।
पार्सल छुड़ाने के नाम पर उसने एसबीआई मोलेखाल शाखा से मुंबई स्थित बैंक ऑफ इंडिया के खाते में 3.48 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। जब महिला ने और पैसे की मांग की तो उन्हें संदेह हुआ कि उनके साथ ठगी हो गई है। पीड़ित के पुत्र ने साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस जांच में जुट गई है।
फर्जी रिश्तेदार बनकर मांगे रुपये
दूसरा मामला दन्या क्षेत्र का है। ग्राम बागपाली निवासी गोविंद राम ने बताया कि उनका पुत्र दिनेश चन्द्र आर्या, जो रुद्रपुर सिडकुल में कार्यरत है, बीते 20 जून को घर आया था। इसी दौरान उसके मोबाइल पर इन नंबरों 9368886431, 7988963801 से कॉल आई।
कॉलर ने खुद को रिश्तेदार बताकर मुसीबत में फंसा होने की बात कही और पैसों की मांग की। बेटे ने बिना जांचे-परखे गूगल पे के जरिए 25 हजार रुपये अपने खाते से और 20 हजार रुपये गांव के दोस्त के खाते से ट्रांसफर कर दिए।
बाद में पता चला कि यह सब ठगी थी। इस तरह परिवार को 45 हजार रुपये का चूना लगाया गया। जिसके बाद पीड़ित ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई।
बैंक अधिकारी बनकर उड़ाए 4.56 लाख
तीसरा मामला कोतवाली क्षेत्र का है। तल्ला थपलिया निवासी नंदा बल्लभ जोशी ने बताया कि बीते 29 जुलाई की सुबह वह अपने फोन में योनो एसबीआइ ऐप डाउनलोड कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें एक कॉल आया।
कॉलर ने खुद को स्टेट बैंक का अधिकारी बताते हुए मदद करने की बात कही और व्हाट्सएप वीडियो कॉल से उन्हें गाइड करने लगा। निर्देशों का पालन करने के कुछ ही देर बाद उनके खाते से 4,56,500 रुपये कट गए।
जब उन्होंने शिकायत दर्ज कराई तो पता चला कि रकम पंजाब नेशनल बैंक के एक खाते में ट्रांसफर हुई है। जिसके बाद पुलिस में पीड़ित ने रिपोर्ट दर्ज कराई। साइबर सेल ने कार्रवाई करते हुए फिलहाल 2.75 लाख रुपये होल्ड करा दिए हैं।
लोगों को अज्ञात कॉल, व्हाट्सएप वीडियो कॉल और सोशल मीडिया पर की जाने वाली दोस्ती से सतर्क रहना चाहिए। बैंक कभी भी फोन या वीडियो कॉल पर पासवर्ड, ओटीपी या अन्य गोपनीय जानकारी नहीं मांगते। सतर्कता ही सुरक्षा है।
-देवेंद्र पींचा, एसएसपी, अल्मोड़ा
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