Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Almora News: कथित माओवादी देवेंद्र व भगवती पर लगा यूएपीए, दोनों का प्रतिबंधित संगठन से संबंध का आरोप

    By yaseer khanEdited By: Shivam Yadav
    Updated: Tue, 22 Aug 2023 06:00 AM (IST)

    देवेंद्र और भगवती भोज पर पूर्व में प्रतिबंधित भाकपा(माओवादी) से संबंध रखने के आरोप लगे थे। पुलिस के मुताबिक केंद्र सरकार ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे। इसी के तहत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दोनों को पेशी में हाजिर होने के आदेश जारी किए थे। इसके बाद दोनों ने न्यायालय में जमानत की अर्जी दाखिल की थी।

    Hero Image
    दोनों का प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन से संबंध का आरोप

    अल्मोड़ा, जागरण संवाददाता: सीजेएम कोर्ट में एक मामले में जमानत कराने पहुंचे कथित माओवादी देवेंद्र चम्याल व भगवती भोज पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम(यूएपीए) के तहत कार्रवाई की गई है। दोनों को न्यायिक हिरासत में अल्मोड़ा जेल भेज दिया है। दोनों का प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) से संबंध होने का आरोप है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सोमवार को देवेंद्र चम्याल निवासी ग्राम दसाऊ, पट्टी डाकाकोट पेटशाल, नगरखान, अल्मोड़ा व भगवती भोज उर्फ भावना भोज निवासी काड़ी सोमेश्वर पूर्व में वर्ष 2017 में चुनाव के दौरान आपत्तिजनक पोस्टर चिपकाने के एक मामले में जमानत के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पहुंचे थे। 

    अदालत ने खारिज की जमानत याचिका 

    देवेंद्र और भगवती भोज पर पूर्व में प्रतिबंधित भाकपा(माओवादी) से संबंध रखने के आरोप लगे थे। पुलिस के मुताबिक केंद्र सरकार ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे। इसी के तहत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दोनों को पेशी में हाजिर होने के आदेश जारी किए थे। इसके बाद दोनों ने न्यायालय में जमानत की अर्जी दाखिल की थी।

    मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने दोनों की जमानत याचिका खारिज कर दी। दोनों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम(यूएपीए) के तहत कार्रवाई की गई है। दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

    पोस्टर चिपकाए, वाल पेंटिंग की

    बता दें कि वर्ष 2017 में भाकपा (माओवादी) की ओर से धौलछीना ब्लाक मुख्यालय, इंटर कॉलेज के गेट, स्कूल भवन, प्रधानाचार्य कार्यालय, खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, खंड विकास अधिकारी के पुराने कार्यालय भवन, सरकारी प्रचार होर्डिंग में पोस्टर चिपकाए गए थे और वाल पेंटिंग की गई थी। 

    पोस्टरों और वाल पेंटिंग में, हम कोई नेपाल से आए नहीं हैं, हम यहीं के हैं और हम अपने उत्तराखंड को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए संघर्षरत है, नशा नहीं रोजगार दो, शराब के ठेकों को आग लगाओ, तस्करों के घरों में आग लगाओ, जनता को शराब नहीं रोजगार चाहिए, महंगाई नहीं बेहतर व्यवस्था चाहिए, शिक्षक विहीन स्कूल नहीं, शिक्षकों से भरपूर स्कूल चाहिए, शराब के ठेकों को ध्वस्त करो, शराब तस्करों को मारो... आदि नारे लिखे गए थे। जिसके बाद से खुफिया एजेंसियों को पोस्टर चिपकाने वालों की तलाश थी।