Almora News: स्थायी प्राचार्य तैनात, अब मेडिकल कालेज को स्थायी रेडियोलाजिस्ट का इंतजार
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में स्थायी रेडियोलॉजिस्ट की कमी के कारण मरीजों को परेशानी हो रही है। एकमात्र संविदा रेडियोलॉजिस्ट के भरोसे अल्ट्रासाउंड जांच होने से उनके छुट्टी पर जाने पर जांच ठप हो जाती है। मरीजों को जिला अस्पताल या निजी अस्पतालों में अधिक खर्च करना पड़ता है। प्राचार्य का कहना है कि स्थायी रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति के प्रयास जारी हैं।

संतोष बिष्ट, अल्मोड़ा। कुमाऊं के पर्वतीय जिलों के पहले मेडिकल कालेज सोबन सिंह जीना राजकीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान में साढ़े तीन साल बाद हाल ही में स्थायी प्राचार्य की तैनाती कर दी गई है। अब बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मरीजों को यहां स्थायी रेडियालाजिस्ट की तैनाती का इंतजार है।
स्थायी रेडियोलाजिस्ट नहीं होने से अल्ट्रासाउंड जांच संविदा पर तैनात एकमात्र रेडियोलाजिस्ट के भरोसे है। रेडियोलाजी विभाग बिना एचओडी संचालित चल रहा है।
लंबे इंतजार के बाद वर्ष 2022 में अल्मोड़ा मेडिकल कालेज अस्तित्व में आया। अब कालेज में साढ़े तीन साल बाद स्थायी प्राचार्य की तैनाती कर दी गई है। लेकिन गर्भवतियों समेत अन्य मरीजों के लिए सबसे महत्वपूर्ण जांच अल्ट्रासाउंड अब भी एकमात्र संविदा डाक्टर के भरोसे है।
ऐसे में कई बार डाक्टर के अवकाश पर जाने से जांच पूरी तरह ठप पड़ जाती हैं। लोग लगातार स्थायी रेडियोलाजिस्ट और पदों के सापेक्ष रेडियोलाजी विभाग में डाक्टरों की तैनाती की मांग कर चुके हैं। लेकिन अब तक शासन स्तर से डाक्टरों की तैनाती नहीं हो सकी है। इससे जहां मरीज परेशान हैं।
वहीं, कई बार कालेज प्रबंधन को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। डाक्टर के अवकाश पर चले जाने से मरीजों को पांच किमी दूर जिला अस्पताल या फिर निजी चिकित्सालयों में अधिक धनराशि खर्च कर अल्ट्रासाउंड जांच करानी पड़ती है। ऐसे में खासकर दूर-दराज से पहुंचे मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है।
स्थायी रेडियोलाजिस्ट की तैनाती के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। फिलहाल संविदा पर तैनात रेडियोलाजिस्ट मरीजों के अल्ट्रासाउंड कर रहे हैं।
प्रो. सीपी भैसोड़ा, प्राचार्य मेडिकल कालेज।
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