Student Union Election: एसएसजे विश्वविद्यालय का परिणाम, छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी और निर्दलीय ने बनाई बढ़त
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के अल्मोड़ा पिथौरागढ़ बागेश्वर और चंपावत परिसरों में छात्रसंघ अध्यक्षों का चुनाव हुआ। एबीवीपी ने 17 एनएसयूआई ने आठ और निर्दलीयों ने 11 महाविद्यालयों में अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की। चंपावत और पिथौरागढ़ में एबीवीपी का दबदबा रहा जबकि अल्मोड़ा और बागेश्वर में एनएसयूआई ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। इन चुनाव परिणामों में क्षेत्रीय विविधता और स्थानीय नेतृत्व का प्रभाव दिखा।

जासं, अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चंपावत परिसरों में कुल 36 महाविद्यालयों में छात्रसंघ अध्यक्षों का चुनाव संपन्न हुआ। चुनावी परिणामों एबीवीपी ने 17, एनएसयूआई आठ व निर्दलीयों का 11 महाविद्यालयों में अध्यक्ष पद पर कब्जा रहा। इन चुनाव परिणामों में छात्र राजनीति में संगठनात्मक प्रभाव, क्षेत्रीय विविधता और राज्य की राजनीतिक घटनाक्रम का प्रभाव रहा।
चुनाव परिणामों से यह स्पष्ट होता है कि एबीवीपी केंद्रीय सत्ता समर्थक युवा वर्ग में प्रभावी है। जबकि एनएसयूआई की सीमित बढ़त कांग्रेस के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। छात्र वर्ग में स्थानीय नेतृत्व और व्यक्तिगत लोकप्रियता भी निर्णायक भूमिका निभा रही है, जिस कारण निर्दलीय भी अधिक संख्या में जीतकर आएं। 36 परिसरों में छात्राओं की संख्या छात्रों से कहीं अधिक है। यहां कुल 25 हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। जिनमें करीब 65 फीसद छात्राएं है। कई महाविद्यालय में तो नाममात्र के ही छात्र पढ़ते हैं।
चंपावत और पिथौरागढ़ में एबीवीपी का दबदबा
चंपावत जिले में चंपावत कैंपस, लोहाघाट, बनबसा, देवीधुरा और अमोड़ी महाविद्यालयों में एबीवीपी समर्थित अध्यक्ष चुने गए हैं, जबकि टनकपुर में एनएसयूआई की जीत ने प्रतिस्पर्धा को जीवंत रखा। पिथौरागढ़ में पिथौरागढ़, बलुवाकोट, बेरीनाग, गंगोलीहाट और मुनस्यारी महाविद्यालयों में एबीवीपी ने बढ़त बनाई, वहीं नारायणनगर और मुवानी महाविद्यालयों में एनएसयूआई समर्थित अध्यक्ष हैं। गनाईंगंगोली में निर्दलीय उम्मीदवार की जीत ने स्थानीय विविधता को उजागर किया।
अल्मोड़ा और बागेश्वर में संतुलित राजनीतिक परिदृश्य
अल्मोड़ा के महाविद्यालयों में एसएसजे परिसर में एनएसयूआई की जीत और रानीखेत, द्वाराहाट, जैंती जैसे महाविद्यालयों में निर्दलीय जीतने में सफल रहे। बाकि में एबीवीपी काबिज हुई। बागेश्वर परिसर सहित एनएसयूआई ने तीन महाविद्यालयों में जीत हासिल की, जबकि एबीवीपी दो महाविद्यालयों में सफल रहा।
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