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राष्ट्रीय बना पर्यावरण संस्थान

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : ढाई दशक पूर्व से लगातार अच्छी सेवा दे रहे जीबी पंत हिमालय पर्यावरण एवं विकास

By Edited By: Published: Thu, 09 Jun 2016 06:31 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jun 2016 06:31 PM (IST)
राष्ट्रीय बना पर्यावरण संस्थान

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : ढाई दशक पूर्व से लगातार अच्छी सेवा दे रहे जीबी पंत हिमालय पर्यावरण एवं विकास संस्थान को राष्ट्रीय संस्थान का दर्जा मिल गया है। इसकी स्वीकृति पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने दे दी है।

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गौरतलब है कि गत वर्ष 10 सितंबर को संस्थान के वार्षिकोत्सव समारोह में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेडकर ने जीबी पंत हिमालय पर्यावरण एवं विकास संस्थान कोसी कटारमल अल्मोड़ा को राष्ट्रीय संस्थान के रूप में उच्चीकृत करने की घोषणा की थी। इस पर संस्थान के शासी निकाय ने अनुमोदन किया। इसके बाद पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार ने हिमालय क्षेत्र के विकास में संस्थान के महत्वपूर्ण कार्यो का संज्ञान लिया और सतत विकास की भूमिका को देखते हुए इसे उच्चीकृत करने की संस्तुति की। मंत्रालय की स्वीकृति के बाद अब इसे राष्ट्रीय संस्थान घोषित कर दिया है। अब इस संस्थान को गोविंद बल्लभ पंत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन इंवायरमेंट एंडसस्टेनेबल डेवलपमेंट के नाम से जाना जाएगा। इस संस्थान ने गत 27 सालों में निरंतर हिमालय के पर्यावरण एवं विकास संबंधी शोध कार्यो में अग्रणी भूमिका निभाई, जिससे संस्थान के राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पटल पर ख्याति व तमाम उपलब्धियां अर्जित की।

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पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार ने संस्थान को राष्ट्रीय संस्थान घोषित किया है, जो हर्ष व स्वागत योग्य कदम है। यह संस्थान के वैज्ञानिकों, कर्मचारियों व शोधार्थियों के विगत 27 साल के अथक प्रयासों व सराहनीय कार्यो का परिणाम है। इससे अब राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिमालय से जुड़े मुद्दों को उठाने तथा उनके हल तलाशने में मदद मिलेगी।

-डॉ. पीपी ध्यानी, निदेशक, पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल अल्मोड़ा


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