World Environment Day : देश को BHU ने दिया इकोलॉजी का जनक प्रो. रामदेव मिश्रा
World Environment Day प्रो. रामदेव मिश्रा ने इकोलॉजी में भारत का पहला पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स इन्होंने 1941 में बीएचयू में शुरू कराया।
वाराणसी [हिमांशु अस्थाना]। World Environment Day वर्ष 1941 में जब दूसरा विश्वयुद्ध चरम पर था, नफरत के बीच पर्यावरण दहक रहा था, तब काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक प्रोफेसर ने पर्यावरण संरक्षण पर अध्यनन-अध्यापन और शोध में तल्लीन थे। लीड्स यूनिवर्सिटी, लंदन से पीएचडी करके लौटे प्रो. रामदेव मिश्रा 1937 में बीएचयू के वनस्पति विज्ञान विभाग में व्याख्याता बनें। इकोलॉजी में भारत का पहला पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स इन्होंने 1941 में बीएचयू में शुरू कराया। स्थानीय स्तर पर इसका मजाक उड़ाया गया। किंतु प्रो. मिश्रा रुके नहीं, अभावों के बीच बनारस में देश का पहला मैन एंड बायोस्फियर प्रोग्राम (मैब) लांच कर पर्यावरण के लिए विश्व में एक नजीर पेश कर दी।
उष्ण कटिबंधीय वनों को समझाने वाले पहले व्यक्ति
प्रो. मिश्रा के शिष्य रहे प्रो. के पी ङ्क्षसह के मुताबिक उष्ण कटिबंधीय वनों की उत्पादकता को समझाने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति प्रो. मिश्रा ही थे, तब जाकर संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण संकट को लेकर सचेत हुआ और उनकी दूरदृष्टि को लोग पहचान सके।
ड्राफ्ट किया इंदिरा गांधी का भाषण और स्टॉकहोम पेपर
पर्यावरण पर आयोजित दुनिया का पहला सम्मेलन स्टॉकहोम में 1972 में हुआ था। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के मंच पर दिया गया भाषण और भारत द्वारा मानवीय पर्यावरण पर प्रस्तुत स्टॉकहोम पेपर प्रो. रामदेव मिश्रा ने ही ड्राफ्ट किया था। बाद में उन्हें भारतीय इकोलॉजी (पारिस्थितिकी : जीव विज्ञान की शाखा) का जनक कहा गया। हालांकि अर्नेस्ट हैकल ने दुनिया को इकोलाजी शब्द से परिचित कराया। प्रो. मिश्रा के सुझाव पर देश में पर्यावरण विभाग को अलग मंत्रालय का दर्जा मिला। इंदिरा गांधी ने उन्हें संजय गांधी पर्यावरण पुरस्कार से सम्मानित भी किया था।
प्लांट पॉपुलेशन पर दुनिया की पहली वैज्ञानिक रिपोर्ट
प्रो. के पी सिंह ने बताया कि प्रो. मिश्रा ने बीएचयू से ही बीएससी और एमएससी करने के बाद लीड्स में डब्ल्यू एच पियर्सल के मार्गदर्शन में पीएचडी पूरी की थी। बीएचयू आते ही उन्होंने पौधों की जनसंख्या पर अध्ययन किया। साथ ही पौधों में पाए जाने वाले तत्वों के आधार पर उन्होंने भारत के प्लांट पॉपुलेशन का वर्गीकरण कर पहली वैज्ञानिक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। इसी की वजह से अरसे तक बीएचयू के इस विभाग की गिनती दुनिया में शीर्ष शोध संस्थानों में होती रही।
गांधी जी रहे आदर्श
प्रो. मिश्रा की पुत्री पूर्व आइएफएस अधिकारी प्रो. गोपा पांडेय ने बताया कि पिता जी महात्मा गांधी को आदर्श मानते थे। जीवनभर खादी के वस्त्र ही धारण किए। अंतिम सांस तक बीएचयू की सेवा करते रहे।
क्या है इकोलॉजी
सुविख्यात जीव विज्ञानी और दुनिया में इकोलॉजी शब्द से परिचित कराने वाले आर्नेस्ट हैकल के मुताबिक जैविक और अजैविक वातावरण के साथ प्राणियों के आंतरिक संबंधों का विस्तार पूर्वक अध्ययन ही इकोलॉजी (पारिस्थितिकी) है।
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