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वाराणसी में कृषि विज्ञान केंद्र में 2 करोड़ 94 लाख की लागत से हुए कार्य का हुआ लोकार्पण, किसान होंगे लाभान्वित

प्रधानमंत्री ने विकास कार्यो के दौर में ही किसानों की आय दोगुना करने हेतु खेती-किसानी की व्यवस्था को भी आधुनिक बनाने की पहल की हैं। कृषि क्षेत्र में हुए कार्य का गुरुवार को वाराणसी के बीएचयू के आइआइटी मैदान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बटन दबाकर लोकार्पण किया गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 15 Jul 2021 04:21 PM (IST)Updated: Thu, 15 Jul 2021 04:21 PM (IST)
वाराणसी में कृषि विज्ञान केंद्र में 2 करोड़ 94 लाख की लागत से हुए कार्य का हुआ लोकार्पण, किसान होंगे लाभान्वित
प्रधानमंत्री ने किसानों की आय दोगुना करने हेतु खेती-किसानी की व्यवस्था को भी आधुनिक बनाने की पहल की हैं।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। PM Modi Varanasi Visit 2021 प्रधानमंत्री ने विकास कार्यो के दौर में ही किसानों की आय दोगुना करने हेतु खेती-किसानी की व्यवस्था को भी आधुनिक बनाने की पहल की हैं। कृषि क्षेत्र में हुए कार्य का गुरुवार को वाराणसी के बीएचयू के आइआइटी मैदान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बटन दबाकर लोकार्पण किया गया। लोकार्पण अवसर पर केंद्र को लाइट से सजाया गया रहा।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत में हमारी खेती से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर और कृषि आधारित उद्योगों की भी बड़ी भूमिका होने वाली है। हाल में ही केंद्र सरकार ने कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर के सशक्तिकरण को लेकर बड़ा फैसला लिया है। देश में आधुनिक कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जो 1 लाख करोड़ रुपए का विशेष फंड बनाया गया है, उसका लाभ अब हमारी कृषि मंडियों को भी मिलेगा। ये देश की कृषि मंडियों के तंत्र को आधुनिक और सुविधा संपन्न बनाने की तरफ एक बड़ा कदम है। सरकारी खरीद से जुड़े सिस्टम को बेहतर बनाना और किसानों को अधिक विकल्प देना, ये सरकार की प्राथमिकता है। इस बार धान और गेहूं की रिकॉर्ड सरकारी खरीद इसी का परिणाम है।

आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज अयोध्या के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, कल्लीपुर (मिर्जामुराद) में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत 2 करोड़ 94 लाख रुपया दिया गया।जिससे केंद्र को आधुनिकतम एवं वैज्ञानिक तरीके से तैयार किया गया हैं। वर्ष 1989 में स्थापित बीस हेक्टेयर भूमि वाले कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में बीज उत्पादन हेतु प्रक्षेत्र की 22 सौ मीटर की चहारदीवारी तैयार की गई हैं। चहारदीवारी बन जाने से नीलगाय व मवेशी द्वारा होने वाली फसलों की क्षति रुक गई।

इसके साथ ही कृषको की आय दोगुनी करने हेतु मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन, अजोला व केंचुआ खाद उत्पादन, बत्तख पालन इत्यादि इकाइयों को आधुनिकतम तरीके से तैयार किया गया हैं।जिसे देखकर किसान प्रेरित हो कृषि में ज्यादा से ज्यादा उत्पादन ले अपनी आय बढ़ा सकें।कृषकों के सभागार भवन में एसी भी लगा दी गई हैं।परिसर में अधूरे कुछ कार्यो को पूरा किया जा रहा हैं।

आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपति ड़ा.विजेंद्र सिंह ने कृषि वैज्ञानिकों से कहा कि इकाइयों को वैज्ञानिक तरीके से संचालित किया जाएं।केंद्र से जुड़कर किसान लाभ उठाएं।निदेशक प्रसार ड़ा.एपी राव ने सरकार द्वारा केंद्र को आधुनिक बनाएं जाने के प्रयास को सराहा।

कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डा.एनके सिंह, ड़ा राणा पीयूष सिंह, ड़ा.एके सिंह व ड़ा.नरेन्द्र प्रताप ने बताया कि उक्त इकाइयों से केंद्र पर किसानों की कौशल दक्षता में वृद्धि हेतु प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे।किसानों तक आधुनिकतम तकनीकों को पहुंचाने में मदद मिलेगी।


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